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नौ फर्जी शिक्षकों का औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द, 39 की नौकरी जाना भी तय

आवेदन में गलत जानकारी देकर बन गये थे शिक्षक-शिक्षिका, जांच में मिले अयोग्य

औरंगाबाद शहर. जिले में फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. जिस रफ्तार से टीआरइ 1.0 और टीआरइ 2.0 में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसा के बाद जिले के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई, उसी गति से जांच में अयोग्य शिक्षकों के पकड़े जाने का मामला भी उजागर हो रहा है. एक बार फिर नौ फर्जी शिक्षक जांच में पकड़े गये हैं, जो आवेदन में गलत जानकारी देकर नियुक्त हो गये थे. यही, नहीं 39 ऐसे अयोग्य शिक्षक-शिक्षिका भी जांच में पकड़ में आये हैं, जिनकी नौकरी पर संकट मंडरा रहा है और इनसभी शो-कॉज किया गया है. ये सभी दूसरे राज्य के निवासी हैं और शिक्षक पात्रता परीक्षा में इनका अंक 60 प्रतिशत से कम हैं. लेकिन, शिक्षा विभाग को दिग्भ्रमित कर औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिया था. शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच में फर्जीवाड़ा का मामला पकड़े जाने पर इन सभी नौ फर्जी शिक्षकों के औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया है. ये भी बीपीएससी टीआरइ 2.0 में बहाल हुए थे. जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा इससे संबंधित निर्देश जारी किया है. पहले इनसभी से शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60 प्रतिशत से कम रहने पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होने के कारण स्पष्टीकरण पूछा गया था. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी निर्देश व विज्ञप्ति के आलोक में उच्च न्यायालय पटना द्वारा न्यायादेश के आलोक में माध्यमिक शिक्षा, पटना के निदेशक ने यह स्पष्ट किया है कि बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उतीर्णांक के लिए पांच प्रतिशत का छूट देय नहीं होगा. अपने स्पष्टीकरण में इन नियुक्ति शिक्षकों ने स्वीकार किया है कि नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में वे सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित शिक्षक पात्रता परीक्षा की अहर्ता पूरी नहीं करते हैं, जबकि आवेदन में इन्होंने अंकित किया है कि वे नियुक्ति के लिए सभी आवश्यक अहर्ता पूरी करते हैं, जो सही नहीं है. ऐसे में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी दयाशंकर सिंह ने औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया है. ज्ञात हो कि इसके पहले भी जिले में 20 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं को सेवामुक्त किया गया है. ये अयोग्य शिक्षक-शिक्षिका हुए सेवामुक्त इन सभी अयोग्य शिक्षकों ने बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/2023 के आलोक में अनुशंसा के बाद जिले के विभिन्न विद्यालयों में अपना योगदान दिया था. लेकिन, शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के बाद इन सभी का औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया गया. इसमें बारुण के कर्मा सतुआही मध्य विद्यालय की शिक्षिका सरिता देवी, कुशा मध्य विद्यालय की कविता शर्मा, ओबरा कन्या मध्य विद्यालय की सुमन पटेल, रामनगर मध्य विद्यालय की आराधना कुमारी, नवीनगर के शिवपुर मध्य विद्यालय की रिचा, ढेकहा मंझौली मध्य विद्यालय की अंजना कुमारी गौतम, देव के बिजौली उच्च विद्यालय के शिक्षक शिव कुमार यादव, नरची मध्य विद्यालय के मुकेश कुमार गौतम व कुटुंबा के पिपरा बगाही उच्च विद्यालय की रीना यादव शामिल है. पहले चरण में बहाल 39 फर्जी शिक्षकों की नौकरी पर संकट बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा पहले चरण (टीआरइ 1.0) में नियुक्त 39 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं की नौकरी जाना भी तय माना जा रहा है. इन सभी अयोग्य शिक्षक-शिक्षिकाओं का अंक भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम है. ऐसे में इनकी नौकरी भी संकट में है. वैसे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दयाशंकर सिंह द्वारा इन सभी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. स्पष्टीकरण में कहा है कि आपसभी का शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत से प्राप्तांक कम होने पर उम्मीदवारी निरस्त करने योग्य है. ऐसे में जवाब दें कि अभ्यर्थित्व को निरस्त करते हुए आपके औपबंधिक नियुक्ति पत्र को क्यों न रद्द किया जाये. इनसभी से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा गया है. इधर, जांच में लगातार फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने पर हड़कंप मचा है. खासकर गलत जानकारी देकर नियुक्त हुए शिक्षकों में भय व्याप्त है. क्योंकि, उन्हें पता है कि एक न एक दिन यह स्थिति उनकी भी होगी. फर्जी तरीके से बहाल होने पर उनकी नौकरी नहीं बच सकती है. वहीं, बीपीएससी द्वारा पहले व दूसरे चरण की हुई बहाली प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठाया जा रहा है. भाषा अहर्ता को शून्य करने के मामले में शिक्षा विभाग व बीपीएससी को घेरने का प्रयास किया जा रहा है. भाषा में फेल होने पर भी नियुक्त शिक्षकों के लिए यह कभी भी मुसीबत बन सकती है. इन अयोग्य शिक्षकों से मांगा गया शोकॉज शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम प्राप्तांक रहने पर भी नियुक्त होने वाले शिक्षक जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. इसमें रफीगंज प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय खराटी की शिक्षिका प्रतिमा, बेढ़ना बिगहा की प्रियंका यादव, भदुकी कला मिडिल स्कूल की कुमारी नीलम और मिडिल स्कूल पचार हिंदी की कुमारी किरण सिंह, औरंगाबाद सदर प्रखंड के जमालपुर विद्यालय की कंचन शर्मा, बढ़की बेला स्कूल की वर्षा सोनी, दिलमोहम्मदगंज स्कूल की रिता यादव, राजा बिगहा स्कूल की कुमारी प्रीति, मिडिल स्कूल आनंदपुरा की अनन्या सिंह और उर्दू उच्च माध्यमिक हेतमपुर की रंजना यादव, कुटुंबा प्रखंड के उत्क्रमित हाइ स्कूल किशुनपुर की शिक्षिका रिशिका गुप्ता, संडा स्कूल की कुमारी रंजू यादव, मटपा मिडिल स्कूल की गरिमा सिंह, नवीनगर प्रखंड के मिडिल स्कूल कंचनबारा की शिक्षिका पूजा कुमारी, मिडिल स्कूल बजरवन की शशि, सिमरा दुसाध विद्यालय की पूजा, मिडिल स्कूल परसा जैन की अंजली जायसवाल और मिडिल स्कूल मुंगिया के शिक्षक प्रदीप कुमार मौर्या, बारुण प्रखंड के खजुरी विद्यालय की कुसूम सरोज, इंग्लिश विद्यालय की अंकिता तिवारी, देव प्रखंड के हैदरचक स्कूल की कुमारी माया भारती, प्राइमरी स्कूल भलुआरा की कुमारी प्रियंका, अपग्रेड हाइ स्कूल बिजौली की ममता कुमारी और कुमारी वंदना, हसपुरा प्रखंड के झखौरा मिडिल स्कूल की सोनी श्री भारती, महुआरी मिडिल स्कूल की श्वेता यादव, ओबरा प्रखंड के नारायणपुरवन स्कूल की अमृता यादव, चातर स्कूल की शबनम खातून, मदनपुर प्रखंड के मिडिल स्कूल सिंदुआरा की शांति देवी, मिडिल स्कूल काजीचक की सोनी देवी, रूनिया विद्यालय की माधुरी कुमारी, दाउदनगर प्रखंड के मिडिल स्कूल अकबरपुर की शिवानी पाल, देवी बिगहा स्कूल की वर्षा रानी गुप्ता, गोह प्रखंड के अलहन परासी मिडिल स्कूल के धीरा सहित अन्य शामिल है.

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