उपहारा थाने के जमादार का रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल

घूस में रुपये और मछली की डिमांड, एसडीपीओ को जांच की जिम्मेदारी

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 9:15 PM

गोह. गोह प्रखंड के उपहारा थाने के एक जमादार का ऑडियो से शनिवार को सुर्खियों में आ गया. उपहारा थाने के एक जमादार का रिश्वत से संबंधित बातचीत की ऑडियो वायरल होने का मामला प्रकाश में आया है. वायरल ऑडियो में जमादार एक पीड़ित पक्ष से रिश्वत में पैसे और मछली की मांग कर रहा है. एक अन्य मुकदमे में भी वह 10 हजार रुपये की मांग कर रहा है. साथ ही ऑडियो में उसने औरंगाबाद के एक पुलिस अधिकारी के लिए गंदी-गंदी गालियों का इस्तेमाल भी किया है. ऐसी गालियां, जिसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया जा सके. पीड़ित पक्ष ने इस संबंध में एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है. आवेदन में जमादार का नाम लक्ष्मी पासवान बताया गया है. हालांकि प्रभात खबर संबंधित ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. वायरल रिकॉर्डिंग कई हिस्सों में है. एक रिकॉर्डिंग में जमादार एक भूमि विवाद में मनचाहा काम के बदले दो किलोग्राम मछली और रुपये की मांग कर रहा है. मामला गैनी गांव के मनोज कुमार नाम के व्यक्ति के भूमि विवाद से संबंधित है. मनोज का उसके पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. मनोज के पक्ष में काम करने के एवज में जमादार रिश्वत की मांग कर रहा है. जमादार ने बातचीत मनोज के साथी नीतीश से की है. बातचीत में उसने थानाध्यक्ष को भी नहीं छोड़ा. साथ ही एक ऑडियो में जमादार वरीय अधिकारी के लिए गंदी-गंदी गालियों का इस्तेमाल कर रहा है. एक अन्य ऑडियो में वही जमादार किसी मुकदमे में काम करने के बदले 10 हजार रुपये की मांग करता सुनाई पड़ रहा है, जिसमें से पांच हजार रुपये उसे मिल चुके हैं. इन सभी रिकॉर्डिंग के साथ पीड़ित मनोज कुमार ने एसपी को आवेदन देकर संबंधित जमादार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.हालांकि इस सबंध मे जमादार लक्ष्मी पासवान के मोबाइल पर उनका पक्ष जानने की कोशिस की गयी, लेकिन फोन रिसिव नहीं किया. अंततः नंबर को ब्लॉक कर दिया गया. इधर, शिकायतकर्ता मनोज कुमार ने बताया कि उसका एक भूमि विवाद का मामला था. उसमें उपहारा थाने के जमादार लक्ष्मी पासवान ने रिश्वत में मछली और रुपये की मांग की है. एसपी को इस संबंध में साक्ष्य के साथ आवेदन दिया है. एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है. दाउदनगर एसडीपीओ को जांच की जिम्मेवारी दी गयी है. जांच के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई होगी.

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