Aurangabad News: तीन दशक से फरार नक्सली चढ़ा पुलिस के हत्थे

Aurangabad News: कासमा थाने की पुलिस ने किया गिरफ्तार

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 10:14 PM
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औरंगाबाद/मदनपुर. पिछले तीन दशक से अधिक समय से पुलिस के लिए चुनौती बना नक्सली तपेश्वर भुइंया उर्फ कपिल भुइंया गिरफ्तार हो गया. उस पर हत्या व आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज है. बुधवार को सदर एसडीपीओ दो अमित कुमार ने नक्सली की गिरफ्तारी से संबंधित जानकारी प्रेसवार्ता में साझा की. एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 15 अक्तूबर की तिथि विशेष अभियान के तौर पर निर्धारित की गयी. सभी थानाध्यक्षों को फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिया गया था. इसी अभियान के तहत कासमा थाना की पुलिस ने चाल्हो पहाड़ के समीप स्थित दुगुल टोले जगरूप बिगहा गांव से फरार चल रहे स्थायी वारंटी-नक्सली तपेश्वर भुइंया उर्फ कपिल भुइंया को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि वह अपने गांव में आया है. सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष द्वारा वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया. इसके बाद पुलिस की टीम ने उसके गांव की घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली के ऊपर कई मामले दर्ज है. कासमा थाने में वर्ष 1990 में उसके विरुद्ध 22/90 के रूप में कांड दर्ज की गयी थी. खुदवां थाने में कांड संख्या 12/13, 47/13, कासमा थाने में कांड संख्या 14/14,सलैया थाना में कांड संख्या 10/14,34/14, मदनपुर थाने में कांड संख्या 40/2000 दर्ज है. कुल सात मामले स्पष्ट हुए है, जो हत्या, आर्म्स एक्ट व 17 सीएल एक्ट से संबंधित है. अन्य धाराओं में भी उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है. फिलहाल पूछताछ के बाद उसे बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. छापेमारी दल में कासमा थानाध्यक्ष इमरान आलम, एसआइ राजीव कुमार, ललन प्रसाद यादव, एएसआइ अरुण कुमार सिंह, पीटीसी नवीन कुमार, उपेंद्र महतो, सिपाही मनीष कुमार, राजनिगम कुमार, गोविंद सिंह कुशवाहा, दिवाकर ठाकुर, उपेंद्र कुमार, गुड्डू कुमार, ओम प्रकाश पासवान आदि शामिल थे. ज्ञात हो कि मदनपुर, देव और रफीगंज इलाके में लगातार पुलिस की कार्रवाई का असर दिख रहा है. कभी नक्सली पकड़े जा रहे है, कभी अपराधी पकड़े जा रहे है, तो कभी नक्सलियों का विस्फोटक बरामद हो रहा है. यह भी ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पहले तक चाल्हो का इलाका नक्सलियों के सेफ जोन के तौर पर जाना जाता था. नक्सलियों की गतिविधियों से इलाके में भय का माहौल रहता था. समय के साथ नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगा. अब चाल्हो सुरक्षित व शांति का जोन बन गया है.

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