Aurangabad News : गीत-संगीत से कलाकारों ने बिखेरा जलवा
Aurangabad News: दो दिवसीय पुनपुन महोत्सव का हुआ आगाज, चंदन व तिलक लगाकर अतिथियों का हुआ स्वागत
नवीनगर.
आदि गंगा पुन:पुन: यानी पुनपुन की महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से नवीनगर प्रखंड के टंडवा स्थित सूर्य मंदिर प्रांगण में दो दिवसीय पुनपुन महोत्सव का आगाज बुधवार को हुआ. कला संस्कृति एवं युवा विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एवं औरंगाबाद प्रभारी मंत्री संतोष कुमार सुमन के साथ-साथ कुटुंबा विधायक राजेश कुमार, पूर्व विधायक ललन राम, एडीएम ललित भूषण रंजन, एसडीओ संतन कुमार सिंह, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, उप प्रमुख लव कुमार, सूर्य राघव मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, जिला पार्षद हरि राम, मुखिया राम प्रसाद राम, हम के नेता सुनील चौबे, पुनपुन महोत्सव के सचिव राजेश अग्रवाल, सामान्य शाखा प्रभारी रत्ना प्रियदर्शनी, डीपीआरओ श्वेता प्रियदर्शी, बीडीओ अरुण कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे अतिथियों को स्कूली छात्राओं ने परंपरा के अनुसार चंदन का तिलक लगाकर स्वागत किया. महोत्सव का शुभारंभ बिहार गीत से हुआ. प्रभारी मंत्री सहित अतिथियों को मेमेंटो व शॉल देकर सम्मानित किया गया.पुनपुन की महत्ता पुराणों में है
प्रभारी मंत्री ने कहा कि पुनपुन की महत्ता पुराणों में है. इसे आदि गंगा का नाम दिया गया है. पुनपुन को स्वच्छ व निर्मल बनाने का सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस तरह के आयोजन से पुनपुन की गरिमा और बढ़ेगी. सरकार की योजना जनता के लिए है और जनता का ही रहेगा. सरकार की योजना सबके लिए होता है. न कोई पक्ष होता है और न ही कोई विपक्ष. सरकार द्वारा पुनपुन महोत्सव कार्यक्रम को आयोजित किया जा रहा है. शुरुआत में महोत्सव की राशि कम है, लेकिन आगे जाकर इसकी राशि बढ़ेगी. यहां के प्रभारी मंत्री होने के नाते उनका भी जुड़ाव इस क्षेत्र से है. जहां तक पुनपुन नदी की सफाई की बात है और अतिक्रमण का मामला है तो इस पर ध्यान रखा जा रहा है.पुनपुन नदी में प्रथम पिंडदान की परंपरा
प्रभारी मंत्री ने कहा कि नवीनगर प्रखंड पूरे देश में इकलौता ऐसा प्रखंड है जहां पांच महोत्सव सरकारी स्तर पर आयोजित किये जा रहे है. कुटुंबा विधायक राजेश कुमार ने कहा कि अगर हम धार्मिक धारणा कि बात करें तो गंगा नदी का अस्तित्व है तो पुनपुन नदी का भी अस्तित्व हैं. लोग अपने पितरों को प्रथम पिंडदान पुनपुन नदी में ही करते हैं . सनातन धर्म में उल्लेखित है कि पुनपुन नदी में प्रथम पिंडदान की परंपरा है .इसके बाद लोग गया स्थित फल्गु नदी में जाकर पिंडदान करते हैं. पुनपुन महोत्सव को सरकारीकरण कराने में उनका भी एक छोटा सा प्रयास रहा है.दानिका सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों ने दी प्रस्तुति
अतिथियों का स्वागत मध्य विद्यालय टंडवा पूर्वी की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत गाकर किया गया. कार्यक्रम में दानिका सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों ने अपनी पुस्तुति से चार चांद लगा दिया. डॉ रविंद्र कुमार के नेतृत्व में बेहतर प्रस्तुति दी. युवा व चर्चित कलाकार राजा मंडल ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में अपर जिला कला संस्कृति पदाधिकारी कुमार पप्पू राज, पुनपुन महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष राम जनम सिंह, प्रो सुनील बॉस, पैक्स अध्यक्ष दीपक तिवारी, अश्वनी कुमार सौरभ, उदय प्रताप सिंह, शंकर प्रसाद, अजीत तिवारी उर्फ डब्लू, शिक्षक धनंजय कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह उर्फ चुन्नू, प्रमेंद्र कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह आदि मौजूद थे. महोत्सव का संचालन शिक्षक हेम्ब्रम मिश्रा एवं राजेश सिंह ने किया. कार्यक्रम का समापन पुनपुन महाआरती से हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है