Aurangabad News : बाल कलाकार भी कर रहे नकल की प्रस्तुति
Aurangabad News: दाउदनगर में नकल पर्व के रूप में मनाया जाता है जिउतिया पर्व
दाउदनगर. जिउतिया पर्व भारत के विभिन्न प्रांतों में मनाया जाता है, लेकिन दाउदनगर शहर में जिउतिया मनाने का एक विशिष्ट ढंग है, जो काफी मशहूर है. यहां इस पर्व को नकल पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसे देखने के लिए झारखंड, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर समिति विभिन्न राज्यों तक से लोग सपरिवार आते है. यह शहर अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान रखता है. जिउतिया पर्व के अवसर पर दाउदनगर शहर आठ-नौ दिनों तक हंसी- मजाक, व्यंग्य -विनोद, गीत- संगीत, नृत्य-नाच, रहस्य-रोमांच और साहसिक करतब करने-दिखने में लिप्त रहता है. यहां जिउतिया यानी जीवित्पुत्रिका व्रत को बड़े ही धूमधाम और रंगारंग रूप में मनाया जाता है. नकल बनने के लिए बच्चे, युवा, अधेड़, बूढ़े सभी उम्र के पुरुषों में होड़ लगी रहती है. नकल बनने वाले कलाकार साहसिक करतब (मुड़ीकटवा, डाकिनी, चाकुधारी, तलवारधारी, त्रिशूलधारी, लाल देव काला देव आदि करतब) दिखलाते है. नकल के माध्यम से समसामयिक घटनाओं और सामाजिक कुरीतियों पर भी करार व्यंग्य-प्रहार किया जाता है. नकल बनकर सरकारी तंत्र की भी पोल खोली जाती है. विभिन्न प्रकार की झांकियां निकाली जाती है. स्थानीय लोक कलाकारों नकलों की प्रस्तुति कर अपनी लोक कला का प्रदर्शन करते हैं. खासकर तीन दिनों तक (नहाए खाय, व्रत व पारण) को तो नकलों की भरमार रहती है.
नकल की हो रही प्रस्तुति
जिउतिया पर्व की शुरुआत बुधवार से हो गयी है. धीरे-धीरे नकलों की प्रस्तुतियां भी शुरू हो गयी है. कई बाल कलाकारों द्वारा नकलों की प्रस्तुतियों की जा रही है. जैसे-जैसे समय नजदीक आते जायेगा, वैसे-वैसे नकलों की प्रस्तुतियां बढ़ती जायेगी. भगवान जीमुतवाहन के चारों चौकों में से कसेरा टोली और बाजार चौक स्थित भगवान जीमुतवाहन मंदिर में ओखली रखकर पूजा-अर्चना की जा रही है. रात में परंपरानुसार झूमर की प्रस्तुति भी होती है. पुराना शहर चौक स्थित भगवान जीमुत वाहन की प्रतिमा के समक्ष भी ओखली रखी जायेगी, जबकि पटवा टोली इमली तल स्थित भगवान जीमुतवाहन की प्रतिमा के समक्ष नहाय खाय से एक-दो दिन पहले ओखली रखी जायेगी.
प्रतियोगिताओं का हो रहा आयोजनजिउतिया पर्व को बढ़ावा देने के लिए पिछले कई वर्षों से विभिन्न संस्थाओं द्वारा नकल अभिनय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिवसीय नकल अभिनय प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जहां नकल कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी जाती है. पिछले कुछ वर्षों से नगर पर्षद द्वारा भी जिउतिया लोकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, दाउदनगर के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जिउतिया पर्व को राजकीय दर्जा देने की मांग भी पिछले कई वर्षों से उठ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है