विक्षिप्त को सदर अस्पताल से ले जाकर बाहर फेंकने का मामला
औरंगाबाद कार्यालय.
सदर अस्पताल से विक्षिप्त को बारुण थाना क्षेत्र में फेंकने व उसके बाद हुई उसकी मौत मामले में लगातार कार्रवाई हो रही है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सहित केस में आरोपित बने सभी सात लोगों से सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव द्वारा स्पष्टीकरण पूछा गया है. स्पष्टीकरण के माध्यम से सभी लोगों से पूछा गया है कि इस मामले में आपकी क्या राय है. जो आरोप लगा है उसके बारे में क्या कहना है. इधर, सूत्रों से जानकारी मिली कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार को पद से हटा दिया गया है. अब उनकी जगह पर डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह को उपाधीक्षक की जिम्मेदारी दी गयी है. पता चला कि डॉ सुरेंद्र सदर अस्पताल में ही कार्यरत है. इस घटना से संबंधित चर्चाओं का बाजार भी लगातार गरम हो रहा है. कल तक जिस उपाधीक्षक के बारे में यह कहा जा रहा था कि जिन्होंने सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अपनी अहम भूमिका निभायी उनपर कैसे आरोप लग गये. ज्ञात हो कि डॉ आशुतोष को दूसरी बार उपाधीक्षक की जिम्मेदारी मिली थी. पदभार ग्रहण करने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई की. अस्पताल की कुव्यवस्था को सुधारने में भूमिका निभायी. इस प्रकरण में हो रही कार्रवाई के बाद अस्पताल के कर्मियों में भी नराजगी देखी जा रही है. ये अलग बात है कि कोई सामने या खुलकर नहीं बोल रहा है. वैसे भी डॉ आशुतोष ने कहा था कि उन पर जो आरोप लगा है वह बेबुनियाद है. ज्ञात हो कि सदर अस्पताल से विक्षिप्त को बारुण थाना क्षेत्र में ले जाकर एंबुलेंस कर्मियों द्वारा फेंक दिया गया था. एक विक्षिप्त की मौत हो गयी थी. इस मामले में बारुण थाने में एसआई दीपक कुमार राय के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी, जिसमें डीएस, मैनेजर सहित सात लोगों को आरोपित बनाया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है