Aurangabad News : बेसब्री से हथिया नक्षत्र के बारिश का इंतजार कर रहे किसान
Aurangabad News: हथिया के पानी से रोग और कीट व्याधि से धान फसल को मिलता है निजात
औरंगाबाद/अंबा. इस बार का खरीफ मौसम मिला-जुलाकर खेती के अनुकूल रहा है. अगस्त और सितंबर में इंद्रदेव किसानों की खेती के प्रति मेहरबान रहे है. जिले के सभी प्रखंडों में झमाझम बारिश हुई है. कहीं थोड़ी अधिक तो कहीं थोड़ा कम, पर इतनी बारिश जरूर हुई है कि जहां सिंचाई का साधन न भी है, वहां भी सिंचाई की दिक्कत नहीं हुई है. हालांकि, फिलहाल खेतिहर हथिया नक्षत्र की बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उक्त नक्षत्र की बारिश हर दृष्टि से लाभदायक है. बगैर रसायनिक दवा के फसल पर लगे हानिकारक कीड़े-मकोड़े स्वतः नष्ट हो जाते है. वहीं, मिट्टी में मौजूद कीड़े भी समाप्त हो जाते है. हथिया की बारिश से धान के उत्पादन गुणवत्ता क्षमता और उपज की पौष्टिकता में सुधार होता है. खेतिहर किसानी से जुड़े लोग हथिया की बारिश को वरदान मांगते है. अगर इस नक्षत्र में हल्की भी बारिश हो जाती है, तो फसल में लगने वाले फफूंद जनित रोग का खतरा समाप्त हो जाता है. वातावरण के तापमान बढ़ने और विपरीत हवा के प्रभाव से धान की फसल में रोग और कीट व्याधि के प्रकोप होने की आशंका रहती है. हथिया की बारिश खेतिहरों के लिए वरदान साबित होता है. स्थानीय कृषक रामचंद्र सिंह, शिवनाथ पांडेय व गोपाल दूबे आदि बताते हैं कि इस नक्षत्र की बारिश लाभकारी है. फसल में सिंचाई की समस्या समाप्त हो जाती है. वहीं, रब्बी की बुआई करने में भी किसान को काफी सहूलियत होती है. किसान उक्त नक्षत्र के अंतिम चरण के बारिश को सोना बरसना कहा जाता है.
भगवान सूर्य हथिया नक्षत्र में कर गये है प्रवेश
ज्योतिर्विद डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र ने बताया कि शुक्रवार यानी 27 सितबंर को अपराह्न 4:10 मिनट में भगवान सूर्यदेव हथिया नक्षत्र में प्रवेश कर गये है. उन्होंने बताया कि स्त्री-स्त्री सूर्य-चंद्र योग ओर इस नक्षत्र का वाहन चातक और स्वामी बुध है. उक्त 14 दिन के नक्षत्र में सामान्य वर्षा होगी पर इस बीच कभी-कभी तेज हवा बहेगी. कभी आसमान में बादल छाये रहेंग, तो कभी उमस भरी गर्मी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि 10 अक्तूबर को रात्रि शेष 4:36 मिनट पर सूर्य चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. उन्होंने बताया कि सूर्य-पुरुष, सूर्य-चंद्र योग खर वाहन स्वामी शुक्र होने से आकाश में बादल मंडराते रहेंगे और हल्की बारिश होगी. इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि चार से सात अक्तूबर के बीच मामूली बारिश होने की संभावना जतायी गयी है.सितंबर में औसतन अनुपात से कम हुई बारिश
सितंबर में औसतन अनुपात से कम बारिश हुई. जिला सांख्यिकी विभाग से प्राप्त आकड़ों के अनुसार सितंबर में नवीनगर प्रखंड में सबसे अधिक रिकार्ड तोड़ 346.8 एमएम व कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में 305.8 एमएम बारिश हुई है. वहीं गोह प्रखंड क्षेत्र में सबसे कम 96.4 एमएम बारिश हुई है. इसी तरह से सदर प्रखंड में 159.2 एमएम, बारुण में 154.2 एमएम, दाउदनगर में 131.2 एमएम, देव में 191.8 एमएम, हसपुरा में 126.8 एमएम, मदनपुर में 214.3 एमएम, ओबरा में 166 एमएम व रफीगंज प्रखंड में 165 एमएम बारिश हुई है. हालांकि, जिले के क्षेत्रों में सितंबर में बाढ़ की स्थिति बनी रही है. कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बतरे- बटाने रौद्र रूप धारण कर लिया था. नदियों के उफान में कई लोग समा गये. एसएसओ ब्रजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर सभी प्रखंड का अलग-अलग योग कर देखा जाये तो सितंबर महीने में 2057.5 बारिश हुई हुई है. वैसे औरंगाबाद में 212.3 एमएम के विरुद्ध 187 एमएम वास्तविक वर्षानुपात रिकार्ड किया गया है. उन्होंने बताया कि जून महीने में 136.1 के विरुद्ध मात्र 74.1यानी औसतन अनुपात से 62एमएम कम बारिश हुई थी.इसी तरह से जुलाई में 323.3 एमएम के विरुद्ध में 230.2 एमएम यानी 93.1 एमएम कम बारिश हुई थी. जबकि अगस्त महीने में 364.8 के विरुद्ध 431.1 एमएम यानी 66.1 एमएम अधिक बारिश हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है