Aurangabad News : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में भोजन की व्यवस्था शुरू, लौटने लगीं बालिकाएं

Aurangabad News:टाइप-चार विद्यालय के छात्रावास में व्यवस्था बंद होने के बाद छात्राओं की संख्या हुई थी कम

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2024 10:07 PM
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औरंगाबाद कार्यालय.

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप-चार में आवासित बालिकाओं को अब भोजन के लिए दूसरे विद्यालय में नहीं जाना पड़ रहा है. समग्र शिक्षा के डीपीओ भोला कर्ण द्वारा पत्र निर्गत किये जाने के बाद एक मुख्य रसोईया रखकर विद्यालय परिसर में ही भोजन की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है. विद्यालय परिसर में भोजन की व्यवस्था शुरू होने से विद्यालय में बालिकाओं की संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी है और अब नामांकित बालिकाएं विद्यालय में आवासित भी रह रही हैं. ऐसे में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप- चार जो मृत्यप्राय: होता जा रहा था, वहां अब बालिकाओं की चहचहाहट फिर से शुरू हो गयी है. यह प्रभात खबर की पहल से हुआ है.

तीन स्कूल हैं टाइप चार में शामिल

गौरतलब है कि नौंवी से 12 वीं कक्षा की बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा देने को लेकर दो अक्तूबर को जिले में तीन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप चार के छात्रावास का शुभारंभ किया गया था. टाइप चार के विद्यालय में हाइ स्कूल जम्होर, हाइ स्कूल सिरिस व हाइ स्कूल भरूब का नाम शामिल है.

सिरिस आवासीय विद्यालय में सभी छात्राएं चली गयी थी घर

जम्होर में 32, सिरिस में 28 व भरूब में 31 बालिकाओं का नामांकन हुआ. इस बीच समग्र शिक्षा के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा टाइप चार की बालिकाओं को भोजन व्यवस्था बगल के टाइप वन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कर दी गयी. दूसरे विद्यालय में भोजन करने के लिए जाने में बालिकाओं को जब परेशानी होने लगी, तो नामांकित बालिकाएं विद्यालय छोड़ दी. नामांकित बालिकाएं व उनके अभिभावक का कहना था कि सबसे अधिक परेशानी रात में भोजन करने जाने में होती है. ऐसी स्थिति में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जम्होर में मात्र तीन व भरूब में मात्र चार बालिकाएं आवासित रही. इतना ही नहीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप चार सिरिस में बालिकाओं की संख्या नग्नय हो गयी थी.

10 दिसंबर को अखबार ने उठाया था मामला

इस बीच प्रभात खबर अखबार द्वारा इस मामले को 10 दिसंबर को गंभीरता से उठाया गया. अखबार में खबर प्रकाशित होते ही शिक्षा विभाग द्वारा एक दूसरा पत्र निर्गत करते हुए एक रसोईया को रखकर टाइप- 4 के विद्यालय में ही भोजन की व्यवस्था शुरू कराई गई है. यह व्यवस्था शुरू होने के बाद अब विद्यालय में बालिकाओं की संख्या बढ़ने लगी है.

जम्होर में 11, सिरिस में 13 व जम्होर में 10 हुई बालिकाओं की संख्या

जब विद्यालय परिसर में ही भोजन की व्यवस्था की गयी, तो धीरे-धीरे बालिकाओं की संख्या बढ़ने लगी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप चार जम्होर में आवासित बालिकाओं की संख्या तीन से बढ़कर 11, सिरिस में शून्य से बढ़कर 13 व भरूब में चार से बढ़कर 10 हो गयी है.

दूसरे विद्यालय में भोजन करने में होती थी परेशानी

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप चार जम्होर की छात्रा मंजू कुमारी की मां सुनीता देवी ने बताया कि विद्यालय में नामांकन के समय यह कहा गया था कि उनकी बच्चियों को पढ़ाई के साथ-साथ आवासन एवं भोजन की व्यवस्था विद्यालय परिसर में मिलेगी. उन्हें विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. परंतु कुछ दिन बाद बच्चियों को भोजन एवं नाश्ता के लिए बगल के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप वन में भेजा जाने लगा, तो आने-जाने में उन्हें परेशानी होती थी. ऐसे में हम अपनी बच्ची को विद्यालय नहीं भेज सकते है. विद्यालय परिसर में ही भोजन की व्यवस्था शुरू की गयी है, तो बच्चियों को विद्यालय में भेजा जा रहा है.

प्रखंड क्रय समिति ही स्थानीय बाजार से करेगी खरीदारी

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में हरी सब्जी, फल, दूध, अंडा आदि सामग्री की खरीदारी अब प्रखंड क्रय समिति द्वारा स्थानीय बाजार का सर्वेक्षण कर बाजार दर के आधार पर की जायेगी. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भोला कर्ण ने पत्र जारी किया है. उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि स्थानीय बाजार की दुकान से एक माह के समझौता के आधार पर सामग्री की खरीदारी की जायेगी. गौरतलब है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा 12 दिसंबर को एक पत्र जारी कर जिला स्तर पर गठित किराया समिति द्वारा चिह्नित दुकान से ही सामग्री खरीदारी करने का निर्देश जारी किया गया था. जिला स्तरीय क्रय समिति द्वारा चयनित दुकान से जब सामग्री की खरीदारी करने में परेशानी होने लगी तो कस्तूरबा विद्यालय के संचालक द्वारा डीपीओ से मार्गदर्शन की मांग की गयी. इसके बाद डीपीओ ने 12 दिसंबर को जारी अपने ही पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए फल, सब्जी, दूध, अंडा व नॉनवेज सामग्री की खरीदारी स्थानीय स्तर पर बाजार दर के अनुसार करने की अनुमति दिया है.

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