अंबा. निजी क्लिनिक की जांच को लेकर जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों की टीम गठित होते ही फर्जी क्लिनिक संचालक सजग दिखने लगे हैं. टीम गठन की सूचना पर क्लिनिकों से बोर्ड हटाये जा रहे है. वहीं पहले से भर्ती मरीज भी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किये जा रहे है. कई अस्पतालों से तो बेड भी हटा दिये गये है. फर्जी अस्पतालों में लगभग एक सप्ताह से मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. हाल फिलहाल तक जहां क्लिनिक के बोर्ड लगे होते थे, अब वहां सुनसान सा दिखने लगा है. गौरतलब है कि डीएम के निर्देश पर फर्जी अस्पतालों की जांच को लेकर जांच टीम का गठन कर दिया गया है. इधर, कुटुंबा प्रखंड में जांच टीम का गठन होने की खबर मिलते ही अस्पताल संचालकों में हड़कंप की स्थिति बन गयी है. कुछ रसूखदार क्लिनिक संचालक अपने बचाव के लिए अधिकारियों और नेताओं का चक्कर भी लगा रहे है. ज्ञात हो कि कुटुंबा प्रखंड समेत जिले के विभिन्न प्रखंड में बिना रजिस्ट्रेशन के सैकड़ो फर्जी अस्पताल संचालित हो रहे है. धड़ल्ले से मरीजों का ऑपरेशन तक किया जाता है. ऐसे अस्पताल में आये दिन मरीजों की मौत की सूचना मिलती है. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि ऑपरेशन के दौरान मरीजों की मौत होने पर अस्पताल संचालक क्लिनिक में ताला बंद कर फरार हो जाते हैं. हालांकि, फर्जी तरीके से संचालित होने वाले निजी अस्पतालों के बाहर किसी न किसी एमबीबीएस व सर्जन का बोर्ड लगा रहता है. लेकिन इन अस्पतालों में सर्जन के जगह नौसीखिये कंपाउंडर मरीजों का ऑपरेशन कर देते हैं. हाल ही में एक ऐसे ही अस्पताल में यूट्यूब देखकर मरीज का ऑपरेशन की बात सामने आयी थी.
क्लिनिक संचालकों का मजबूत है सूचना तंत्र
स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन की ओर से किस तरह की कार्रवाई की जा रही है, इसकी जानकारी फर्जी क्लिनिक संचालकों को पहले ही हो जाती है. डीएम के निर्देश पर जांच टीम का गठन ही हुआ है और जांच शुरू भी नहीं की गई है, पर इसकी जानकारी फर्जी क्लिनिक संचालक को लग गयी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन लोग हैं जो मरीज की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों व अस्पताल संचालकों को बचाना चाहते हैं. लोगों की माने तो फर्जी क्लिनिक संचालकों का तार स्वास्थ्य महकमा से जुड़ा होता है. यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी उन्हें पहले ही मिल जाती है.क्या कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि डीएम के निर्देश पर बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे फर्जी क्लिनिकों की जांच के लिए टीम गठित की गयी है. टीम में संबंधित प्रखंड के बीडीओ, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी व संबंधित थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. जल्द ही सभी प्रखंडों में अवैध क्लिनिकों के विरुद्ध छापेमारी की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है