औरंगाबाद/देव. पौराणिक सूर्य मंदिर देव की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए परिसर में लगाये जा रहे लखा ग्रेनाइट पर रोक लगा दिया गया है. यही नहीं जो ग्रेनाइट लगाये गये थे उसे हटाकर मार्बल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार, श्री सीमेंट कंपनी के सीएसआर के तहत मंदिर परिसर में लखा ग्रेनाइट लगाया जा रहा था. लेकिन, जब ग्रेनाइट गर्म होने लगा और दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के पांव जलने लगे व परेशानी होने लगी, तो इसकी शिकायत डीएम के पास पहुंची. डीएम ने बिना देर किये मंदिर में लगाये जा रहे लखा ग्रेनाइट पर रोक लगा दिया. डीएम ने बताया कि कुछ लोगों से शिकायत मिली कि ग्रेनाइट गर्म हो रहा है और फिसलन की भी समस्या बन गयी है. ऐसे में ग्रेनाइट लगाने पर रोक लगा दिया गया. उक्त कंपनी द्वारा ग्रेनाइट के जगह पर मार्बल लगाया जाये, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े. ज्ञात हो कि पौराणिक सूर्य मंदिर परिसर में जो पूर्व से टाइल्स लगाये गये थे वह भी गर्म हो रहे थे. फिसलन की भी समस्या बन गयी थी. इसके बाद पहले से लगे टाइल्स को उखाड़कर लखा ग्रेनाइट लगाने की कवायद तेज हो गयी थी. उस वक्त कहा गया था कि राजस्थान का यह पत्थर अपनी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. यह न गर्मियों में गर्म होता है और न सर्दियों में ज्यादा ठंडा. इसमें पानी सोखने की क्षमता अन्य पत्थरों की तुलना में अधिक है. मंदिर के सचिव विश्वजीत राय सहित अन्य सदस्यों के देखरेख में लखा ग्रेनाइट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी थी. मंदिर के बाहरी हिस्से में ग्रेनाइट लगा भी दिया गया था, लेकिन जब श्रद्धालुओं को परेशानी होने लगी, तो मामला डीएम के पास पहुंच गया. हालांकि, मंदिर समिति द्वारा प्रारंभिक जानकारी नहीं दी गयी थी, लेकिन जब कुछ श्रद्धालुओं ने गर्म हो रहे ग्रेनाइट और उससे हो रही परेशानी से संबंधित ध्यान आकृष्ट कराया तो लखा ग्रेनाइट पर रोक लगा दी गयी.
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