दाउदनगर. शहर की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण लोक संस्कृति से जुड़े जिउतिया पर्व की शुरुआत हो गयी. कसेरा टोली व बाजार चौक स्थित भगवान जीमुतवाहन वाहन चौक पर पूजा-अर्चना के साथ ओखली रखने के साथ ही इस पर्व की शुरुआत हो गयी. बाजार चौक स्थित भगवान जीमुतवाहन चौक पर उनकी प्रतिमा और ओखली रखकर पूजा-अर्चना की गयी झूमर गाया गया. मौके पर आयोजन समिति से जुड़े मुन्ना, प्रदीप प्रसाद, पप्पू गुप्ता, सतीश कुमार, शालू कुमार, सनी कुमार, कृष्णा केसरी, रोहित कुमार, प्रमोद प्रसाद, अनूप कुमार, उमेश प्रसाद उपस्थित थे. प्रदीप प्रसाद यजमान बने. पप्पू गुप्ता ने बताया कि व्रतियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए सारी व्यवस्था की जा रही है. प्रकाश, ध्वनि, सुरक्षा की व्यवस्था होगी. वहीं, कसेरा टोली स्थित भगवान जीमुतवाहन चौक पर परंपरा अनुसार मटकोर कर जिउतिया पर्व की शुरुआत की गयी. कमेटी से जुड़े स्थानीय लोक कलाकारों ने मटकोर किया. झूमर गाया गया. मौके पर कृष्ण कांस्यकार, मुकेश कांस्यकार, सुनील कांस्यकार, दीपक कांस्यकार, श्रवण कांस्यकार, धर्मेंद्र कांस्यकार, श्याम पूजन कांस्यकार, शिवपूजन कांस्यकार आदि उपस्थित थे.मंदिर परिसर एवं उसके आसपास को सजाया जा रहा है, पंडाल की व्यवस्था की जा रही है.
शहर में चार जीमुतवाहन चौक
दाउदनगर शहर में चार स्थानों पर भगवान जीमुतवाहन चौक हैं. पटवा टोली इमली तल, कसेरा टोली बाजार चौक व पुराना शहर चौक पर भगवान जीमुतवाहन का मंदिर है, जहां पूरे आठ-नौ दिनों तक श्रद्धालुओं की भीड़ में उमड़ती है. खासकर रात में श्रद्धालु पहुंचकर पूजा अर्चना करते हुए झूमर गाते हैं. जीमुतवाहन चौक पर रखे गये ओखली के चारों तरफ गाते हुए चक्कर लगाया जाता है इ.स दौरान हैरतेअंगेज कारनामे किए जाते हैं. स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा दिखाये गये नकलों से लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. यहां अनूठे तरीके से यह नकल पर्व के रूप में मनाया जाता है. जिउतिया पर्व की शुरुआत होते ही स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा नकलों की प्रस्तुति भी शुरू कर दी गई है. अभी बाल कलाकारों द्वारा नकल की प्रस्तुति दी जाती दिख रही है.
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