Aurangabad News : उत्तर कोयल नहर में लाईनिंग कार्य शुरू

Aurangabad News :जल प्रवाह का अवरोध समाप्त करने के लिए हटाये जायेंगे संकीर्ण पुल-पुलिया

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 10:32 PM

औरंगाबाद/कुटुंबा.

अब मगध प्रक्षेत्र के किसानों को उत्तर कोयल नहर से खरीफ फसल की सिंचाई करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. मेन नहर में जोर-शोर से लाइनिंग कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुराने टाइल्स को हटाने के लिए पोकलेन, गाद की सफाई के लिए जेसीबी सीएनएस के लिए कंपेक्टर व रौलर, वहीं लाइनिंग के लिए रेल व पेवर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. वर्षों से अटकटी, भटकती व लटकती सिंचाई परियोजना के रिमॉडलिंग कार्य शुरू होने से किसानों में उत्साह है. 2014 में औरंगाबाद के तत्कालीन सांसद सुशील कुमार सिंह के प्रयास से केंद्र सरकार द्वारा झारखंड पोरसन में कोयल नहर की संरचनाओं के लिए 1622.27 करोड़ राशि आवंटित की गयी थी. इसके साथ-साथ बिहार में नहर के सभी ढांचे पर काम शुरू कर दिया गया है.

नवीनगर, कुटुंबा व औरंगाबाद के साथ मदनपुर, आमस, कोंच व टिकारी में भी होगी सिंचाई

ऐसा माना जा रहा है कि नहर के रिमॉडलिंग होने से नवीनगर-कुटुंबा व सदर प्रखंड के डिवीजन के साथ-साथ मदनपुर, रफीगंज, गोह, आमस, टिकारी, कोंच व गुरुआ व गुरारू प्रखंड में बेहतर सिंचाई सुविधा बहाल होगी. अधिनस्थ क्षेत्र के किसानों को अब अकाल सुखाड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान में 2995 क्यूसेक जल प्रवाह वाला उक्त नहर मात्र 2060 क्यूसेक पर आकर सिमट गया था. सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कुटकू डैम में गेट लगाने पर रोक लगाये जाने से नहर का मेंटेनियस कार्य लंबे अर्से तक बाधित रहा. यहां तक कि झारखंड पोरसन में तटबंधों के दोनों तरफ झाड़ियां उग गयी थी. वहीं, बिजली विभाग ने अनाधिकृत रूप बिजली पोल खड़ा कर दिया था.

कार्य में प्रगति लाने का दिया निर्देश

केंद्रीय जल आयोग की टीम ने बिहार व झारखंड पोरसन में नहर के लाइनिंग कार्य का मुआयना किया. टीम में सब कमेटी टू के चेयरमैन ई संदीप कुमार, जल संसाधन विभाग बिहार के अधीक्षण अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह, झारखंड के प्रतिनिधि अधीक्षण अभियंता विश्वनाथ तांती के साथ कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार, आनंद वर्द्धन पूषण, अजय कुमार व वाप्कोस के प्रोजेक्ट मैनेजर गगनदीप सिंह आदि शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को सब कमेटी वन द्वारा झारखंड पोरसन से 0 आरडी से लेकर 31.40 किलोमीटर दूरी तक निरीक्षण किया. शुक्रवार को सब कमेटी टू ने झारखंड पोरसन से लेकर 65.50 किलोमीटर की दूरी में मुआयना किया. रिमॉडलिंग व संरचनाओं के कार्य में क्वांटिटी व क्वॉलिटी से समझौता बर्दास्त नहीं की जायेगी.

क्या है रिमॉडलिंग का प्रावधान

झारखंड पोरसन के 103 आरडी के बाद से लेकर नहर के अंतिम छोर 358 आरडी तक यानी 31.40 किलोमीटर के बाद से लेकर 109.2 किलोमीटर कुल 77.69 किलोमीटर दूरी में मेन कैनाल में लाइनिंग कार्य किया जाना है. वर्तमान में सभी डिवीजनों में पार्ट-बाई-पार्ट 10 पैकेज में संरचनाओं का कार्य शुरू कर दिया गया है. पैकेज नंबर सात में लाइनिंग कार्य कराने के लिए वाप्कोस द्वारा टेंडर के लिए निविदा निकाली गयी है.

क्या बताते हैं अफसर

एसई अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि सीडब्ल्यूसी ने नहर के सीएनएस लाइनिंग व सरंचनाओ में प्रयोग किए जा रहे. सभी तरह के मेटेरियल्स का मूल्यांकन करने का प्रावधान तय किया गया है. सरकार किसानों के हित में शीघ्र रिमॉडलिंग कार्य पूरा कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version