औरंगाबाद ग्रामीण. औरंगाबाद जिले में इस बार भी नवरात्र का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जायेगा. लगभग 50-60 जगहों पर देवी-देवताओं की स्थापना के लिए पंडालों का निर्माण हो रहा है. जिला मुख्यालय की बात करें तो 15-20 पंडाल बनाये जा रहे हैं. युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. बड़ी बात यह है कि कहीं मंदिर का, कहीं पहाड़ों का तो कहीं धार्मिक स्थलों का रूप पंडालों को दिया जा रहा है. यूं कहे कि जैसे-जैसे नवरात्र का समय नजदीक आते जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों में देवी-देवताओं के दर्शन पूजन के लिए उत्साह बढ़ रहा है. तीन अक्तूबर से नवरात्र का शुभारंभ होगा और दशहरा के साथ यानी 12 अक्तूबर को समापन होगा. इन नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा होगी. इधर, शहर के रमेश चौक स्थित मां भारती क्लब द्वारा वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. मां भारती क्लब द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है. बड़ी बात यह है कि जो भक्त अब तक वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर का दर्शन नहीं कर पाये हैं, वैसे भक्त रमेश चौक स्थित पंडाल में भव्य मंदिर के साथ देवताओं के विभिन्न रूपों का दीदार करेंगे. 50 फुट ऊंचे पंडाल में मां दुर्गा के साथ अन्य देवी-देवाताओं की मूर्ति स्थापित की जायेगी. 40 फुट चौड़ा बनने वाला पंडाल आकर्षण का केंद्र होगा. मूर्ति निर्माण के लिए मेहंदिया के मूर्तिकार तत्परता के साथ काम कर रहे हैं, जबकि, पंडाल का निर्माण कुशल कारीगरों द्वारा कराया जा रहा है. मां भारती क्लब के कोषाध्यक्ष दीपक सिंह, सचिव विनोद सिंह, रवि सिंह, संजय सिंह सहित अन्य सदस्य पूजा को भव्य बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे है. वैसे रमेश चौक शहर का मुख्य केंद्र कहा जाता है. यह इलाका बेहद सघन आबादी वाला है. किसी भी धार्मिक आयोजन में हजारों की भीड़ होती है. दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में स्थापित देवी-देवताओं के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. वैसे भी पिछले 32 वर्षों से यहां दशहरा के मौके पर पंडाल निर्माण कर पूजा अर्चना की जाती रही है. इस बार चंद्रोदय मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करेंगे तो वे रोमांचित हो जायेंगे.
लाइटिंग व डेकोरेशन पर ध्यान दिया जायेगा
मां भारती क्लब के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि वर्ष 1992 से यहां दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है. प्रत्येक वर्ष शक्ति स्वरूपा मां जगतजननी की पूजा अर्चना की जाती है. हर साल भव्य पंडाल में मां की मूर्ति स्थापित कर आराधना की जाती है. जब दुर्गा पूजा को लेकर कमेटी की बैठक हुई तो अचानक मन में सवाल आया कि इस बार वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर का दर्शन श्रद्धालुओं को कराया जाये. हमेशा की तरह लाइटिंग व डेकोरेशन पर ध्यान दिया जायेगा. इस बार का डेकोरेशन भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा.
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