Loading election data...

Aurangabad News : कुटुंबा में महुआधाम मेला शुरू, जश्नियों की उमड़ी भीड़

Aurangabad News:वहां दर्शन पूजन के साथ बकायदा भूतों की हाजिरी लगती है

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 4:35 PM

औरंगाबाद/कुटुंबा. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुटुंबा पंचायत के हीरासराय गांव के समीप महुआधाम में विशाल मेला लगता है. गुरुवार को शारदीय नवरात्र के साथ महुआधाम मेला का आगाज हो गया है. मेले में अष्टभुजी मां दुर्गा की आकर्षक मंदिर है. वहां दर्शन पूजन के साथ बकायदा भूतों की हाजिरी लगती है. उसके इर्द-गिर्द में हवन कुंड में जाने वाली सामग्री की गंध. मेले में पुरुषों के अपेक्षाकृत महिलाओं की अच्छी खासी भीड़. इसके साथ ही जमीन पर बैठकर अपने केश खोलकर भूतों के साथ उछल कूद कर खेल रही महिलाएं. तकरीबन डेढ़ किलोमीटर दूरी पैदल चलकर ओरडीह पहाड़ की चोटी से बड़े-बड़े पत्थर माथे पर लेकर पुनः वापस लौटना, भूतो को नरक कुंड में भेजने की सज्जा आदि दृश्य देखकर लोगों को यह समझ में नहीं आता है कि हकीकत है या आस्था पर अंधविश्वास हावी हो गया है. मामला जो भी हो पर बाहर से आये लोग बताते हैं कि यहां आने से बड़े-बड़े से असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं. मंदिर में अष्टभुजी माता के साथ पेड़ों के नीचे स्थापित जीननाथ, ब्रह्म बाबा, बजरंगी बली आदि देवी देवता भूतों को इलाज करते है. सबसे बड़ी बात है कि यहां न कोई तंत्र और न कोई मंत्र विद्या काम करता है. ओझा- गुणी, पंडित और आचार्य भी नहीं है. सिर्फ पान की पत्ति और हवन पूजन सामग्री की जरूरत पड़ती है. वैसे अब कुछ लोग यहां पर मुर्गा और बकरा भी छोड़ना शुरू कर दिया है. स्थानीय लोग बताते हैं कि जिन पर सैतानी हरकत है, उन्हें प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है और कष्टों को निवारण होता है.

लाखों रुपये की आमदनी, सुविधा नदारद

लाखों रुपये आमदनी के बावजूद भी महुआधाम मेला प्रशासनिक दृष्टिकोण से बिल्कुल उपेक्षित है. यहां इक्के-दुक्के लोगों का बर्चस्व कायम है. मेले से से उगाही की गई रकम और चढ़ावे का बंदरबांट कर दिया जाता है. उक्त मेले में बिहार के अलावा झारखंड, बंगाल, यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ और उड़िसा आदि राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे है. मेले में आवश्यक बुनियादी सुविधा नदारद है. कहीं भी जन सुविधा केंद्र, सामुहिक शौचालय स्नानागार व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है.

सुरक्षा के लिहाज से नहीं किया गया कारगर उपाय

वर्तमान में कोयल नहर पानी से लबालब भरा हुआ है और जल प्रवाह काफी तेज है. स्नान करने के दौरान लोग पानी में डूबकर मरने की आशंका बनी रहती है. नहर पुल का गार्ड वाल भी बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो गया है. प्रशासन ने तटबंध के किनारे लगाये गये टेंट-रेवटी के समीप बांस बल्ला या रस्सी से बारकोडिंग भी नहीं कराया है. मेला संचालक के स्तर से वालंटियर भी नहीं रखा गया है. मेले के आसपास में असामाजिक तत्वों और जुआरियों का जमावड़ा लगा रहता है. इसके बावजूद प्रशासन संवेदनशील नहीं है.

क्या बताते हैं अफसर

सीओ चंद्र प्रकाश ने बताया कि महुआधाम मेले के विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए आम लोगों का सहयोग अपेक्षित है. मेले में श्रद्धालुओं को किसी तरह से परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन पहल कर रही है. मेले में हर गतिविधि पर पैनी नजर रखने के लिए कुटुंबा पुलिस को निर्देश प्राप्त है. असामाजिक तत्व के लोगों के साथ पुलिस सख्ती से निबटेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version