Aurangabad News : बाजार समिति का हो रहा कायाकल्प
Aurangabad News: मंडी व्यवस्था लागू होने की बढ़ी उम्मीद
दूसरे फेज का कार्य अंतिम चरण में
ओम प्रकाश, दाउदनगर
दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय के भखरुआं-गया रोड स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति का कायाकल्प होता दिख रहा है. बीच के वर्षों में जहां यह परिसर वीरान-सा होता जा रहा था. वहीं, यह परिसर अब अलग रंग में दिख रहा है. बाजार समिति को विकसित किये जाने का दूसरे फेज का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंचा हुआ है. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि शायद मुख्यमंत्री के औरंगाबाद जिले में होने वाले दौरे के समय तक दूसरे फेज का काम समाप्त हो जाये और इसका उद्घाटन भी कराया जा सकता है. हालांकि, इसकी पुष्टि किसी स्तर पर नहीं हो सकी है, लेकिन दूसरे फेज के कार्य को युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार द्वारा लगभग 34 करोड़ रुपये की लागत से बाजार समिति को विकसित किए जाने के दूसरे फेज का कार्य कराया जा रहा है. तीन वेंडिंग प्लेटफॉर्म, तीन रिटेल शॉप ,एक प्रशासनिक भवन, लाइव स्टॉक, वर्कर्स कैंटीन, टॉयलेट ब्लॉक आदि का निर्माण कराया जा चुका है. फिनिशिंग का काम दिया जा रहा है. प्रशासनिक भवन का भी निर्माण कार्य कराया जा चुका है. निर्माण कार्य करा रही बैजनाथ निर्माण इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर विजय कुमार ने बताया कि दूसरे फेज का काम लगभग अंतिम चरण में है. फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है.प्रथम फेज में हुई थी चहारदीवारी समेत अन्य कार्य
प्रथम फेज में लगभग 11 करोड़ रुपये की लागत से कार्य कराये गये थे. इसमें मुख्य द्वार, चहारदीवारी, पीसीसी पथ, लाइटिंग समेत कई कराये गये. सूत्रों से पता चला कि बाजार समिति का क्षेत्रफल 24.63 एकड़ में हैं. इसमें नाला, वेंडिंग जोन, प्रशासनिक भवन, गेस्ट हाउस के साथ, पार्किंग कैंपस, डेवलपमेंट समेत कई काम कराये गये हैं. लाइट लगाये गये हैं. इस परिसर में गेस्ट हाउस, कोल्ड स्टोरेज, ट्रक पार्किंग एरिया, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, हाइ मास्ट लाइट दुकान, वॉटर टैंक समेत कई काम या तो कराये जा चुके हैं या कराये जा रहे हैं. सूत्रों से पता चला कि तीसरे फेज में भी कोल्ड स्टोरेज समेत कई अन्य निर्माण कराये जा सकते हैं.
लगभग चार दशक पहले किया गया था निर्माण
जानकारी के अनुसार,1980 में कृषि उत्पादन बाजार समिति दाउदनगर के मुख्य बाजार का प्रांगण बना था. उस समय कमेटी के अध्यक्ष औरंगाबाद के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी थे. इसकी कमेटी बनी हुई थी. बाजार समिति की शुरुआत के साथ करीब दो दशक पहले तक परिसर में जमीन पर मंडी लगती थी. कृषि उत्पादों का एक बड़ा बाजार लगता था. किसान अपने उत्पादों को लेकर मंडी में पहुंचते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह व्यवस्था समाप्त होती गयी. 2005-06 के बाद यह परिसर अस्थाई बस स्टैंड के रूप में कुछ वर्षों तक इस्तेमाल किया गया, लेकिन विभागीय आपत्ति के पास बाद बस स्टैंड को हटा लिया गया. कई वर्षों तक यह परिसर पूरी तरह अनुपयोगी सिद्ध होते रहा. बाद में इसमें कुछ गोदाम बने. अब जिस मूल काम के लिए बाजार समिति का गठन किया गया था ,उसके लिए यह सज-धज कर तैयार हो रहा है.एक ही परिसर में लगेगी दुकानें
बाजार समिति चालू होने के बाद एक ही परिसर में लोगों को रोजमर्रा की सामान उपलब्ध हो सकेगी. सब्जी मंडी, फल मंडी, चावल- दाल मंडी समेत अन्य वस्तुओं की मंडी बाजार समिति परिसर में ही लगेगी, जो लोगों को एक ही परिसर में उपलब्ध होगा. पशु शेड भी बनाया गया है, जहां पशुओं का बाजार भी लगेगा. दूध की भी बिक्री होगी. मछली की भी बिक्री होगी. यानी लोगों की जरूरत की चीज बाजार समिति परिसर में ही उपलब्ध हो जायेगी. बाजार समिति में आधुनिक मंडियां लगेगी. किसानों का आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी और उनकी आय को बढ़ाने की कोशिश की जायेगी. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार द्वारा बाजार समितियों को मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है और बाजार समितियों को और विकसित किया जा रहा है. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए मंडी व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा रहा है.
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