Aurangabad News : नौकरी के नाम पर हो रही पैसे की उगाही

Aurangabad News:फॉर्म भरने के छह साल बाद डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी रोहतास से अकाउंटेंट व हेल्थ मैनेजर के बहाली का है मामला

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2024 9:58 PM

अंबा.

डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी रोहतास द्वारा ब्लॉक अकाउंटेंट व हेल्थ मैनेजर की बहाली के नाम पर अभ्यर्थियों से फोन पर पैसा मांगने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि, पूरी तरह तहकीकात करने से यह पता चला कि पैसा मांगने वाला व्यक्ति रोहतास जिला अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत नहीं है. हैरत की बात तो यह है कि फोन पर पैसे की मांग करने वाले व्यक्ति के पास फॉर्म अप्लाई करने वाले अभ्यर्थी का सभी तरह का डिटेल्स उपलब्ध है. ऐसे में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी रोहतास के किसी न किसी अधिकारी एवं कर्मियों की मिली भगत होना तय माना जा रहा है. अकाउंटेंट पद पर बहाली के लिए फॉर्म भरे अभ्यर्थी सचिन राज, आलोक कुमार व हेल्थ मैनेजर के अभ्यर्थी राहुल राज आदि से पैसा मांगने का मामला प्रकाश में आया है. अभ्यर्थियों को फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह हेल्थ सोसायटी रोहतास से बोल रहा है. आपने स्वास्थ्य विभाग रोहतास में नौकरी के लिए फॉर्म भरा था. अभी चाय-पानी का खर्चा दीजिए और बाद में तीन महीने की सैलरी दे दिजीयेगा. अभ्यर्थियों ने बताया कि जिला हेल्थ सोसायटी रोहतास द्वारा 2018 में बहाली निकाली गयी थी, जिस पर उन लोगों ने आवेदन किया था. ब्लॉक अकाउंटेंट पद के लिए फॉर्म भरे अभ्यर्थी सचिन राज ने बताया कि उसे सोमवार को फोन कर पैसे की डिमांड की गयी. परिचय पूछने पर फोन करने वाला व्यक्ति ने अपना नाम रोहित कुमार सिंह बताया. उसने बताया कि वह डिस्ट्रिक्ट हेल्थ सोसायटी रोहतास का रिजल्ट डिपार्टमेंट में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है.

पैसा नहीं देने पर रिजेक्ट कर देंगे फाॅर्म

सचिन राज के अनुसार फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि यदि आप पैसा नहीं देंगे तो आपका फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जायेगा. यदि पैसा देते हैं तो सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए नये वर्ष में सात जनवरी को आपको ज्वानिंग लेटर दिया जायेगा. सचिन ने बताया कि फोन करने वाला व्यक्ति जिला स्वास्थ्य विभाग रोहतास में कार्यरत है या नहीं इस बात को जानने के लिए उसने फार्म में भरे गये डिटेल्स पर पूछा तो उसके द्वारा सभी सही-सही बताया गया. इतना ही नहीं उसके द्वारा कहा गया कि आपके साथ फॉर्म भरे आलोक कुमार, पिता जयराम शर्मा ने 30 हजार रुपये दिया है और उनके पिता मिलने भी आ रहे हैं. आलोक को काउंसलिंग के लिए एडमिट कार्ड उपलब्ध कराया गया है, जिनका 23 दिसंबर को काउंसलिंग है. फोन करने वाले व्यक्ति ने दूसरे व्यक्तियों द्वारा भेजे गये पैसे का डिटेल्स भी उपलब्ध कराया. इन सभी तरह के डिटेल्स मिलने के बाद सचिन भी झांसे में आ गया और उसने भी 3000 रुपए डाल दिया. मंगलवार को जब सचिन को ऐसा लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है, तो उसने इसकी जानकारी अपने बड़े भाई को देते हुए तीन हजार रुपये वापस मांगा गया, तो उक्त व्यक्ति ने पैसा वापस करने से मना कर दिया. जिसके बाद काफी कहा-सुनी हुई. इसके बाद उक्त व्यक्ति का मोबाइल नंबर बंद बताने लगा.

सचिन के भाई आर्यन को भी आया फोन

सचिन के सगे भाई आर्यन राज को भी मंगलवार को फोन कर पैसे की डिमांड की गयी. सचिन ने ब्लॉक हेल्थ मैनेजर के लिए फॉर्म भर रखा था. फोन करने वाला व्यक्ति अपना नाम आनंद कुमार बताते हुए कहा कि वह डीएचएस कार्यालय रोहतास में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं. आनंद द्वारा आर्यन का नाम, पता, क्वालिफिकेशन तथा एक्सपीरियंस से संबंधित सारा डिटेल्स बताया जो बिल्कुल सही था जो आर्यन द्वारा डीटेल्स फॉर्म भरते वक्त विभाग को दिया गया था. विश्वास के लिए फोन करने वाले व्यक्ति ने चंदन कुमार नामक एक अभ्यर्थी का वेरीफिकेशन लेटर भी उपलब्ध कराया, जिस पर सिविल सर्जन रोहतास का हस्ताक्षर है. आर्यन ने कहा कि मेरा वेरीफिकेशन लेटर भेजिए तब वह आपको पैसा देगा, लेकिन आनंद चाय-पानी के लिए दो हजार रुपए की जिद पर अड़ गया. इधर आर्यन ने कहा कि पैसे के लिए आप उसके गार्जियन से बात करिए तभी वे दे पायेंगे. तब उसने कॉन्फ्रेंस पर अपने गार्जियन से बात कराने की बात कही. इतने में आर्यन ने एक दैनिक अखबार के पत्रकार को फोन कर सारी बात बताई और अपने आप को गार्जियन बता बात करने की बात कही. संवाददाता द्वारा जब गार्जियन बनकर बात की गयी तब उसने वही बात दोहराई और कहा कि फिलहाल चाय-पानी का खर्चा लगेगा और बाद में तीन महीने की सैलरी. पत्रकार द्वारा कहा गया कि आप पहले नौकरी करवाइये मैं चार महीने की सैलरी दे दूंगा. इतने में आनंद ने फोन काट दिया. इस तरह की कॉलिंग अन्य अभ्यर्थियों को भी की जा रही है और पैसों की उगाही हो रही है. इसकी सूचना अंबा पुलिस को दी गयी है. थानाध्यक्ष राहुल राज ने बताया कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं सीएस

रोहतास के सिविल सर्जन डॉ रंजन ने बताया कि उनके यहां जिले से कोई बहाली नहीं होती है. इस तरह का कोई फोन किसी अभ्यर्थी को नहीं गया है. उस समय के कोई माफिया टाइप किरानी या कर्मचारी अभ्यर्थियों का डाटा लिक किया होगा. उनके संज्ञान में फिलहाल इस तरह की कोई बात नहीं है.

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