औरंगाबाद ग्रामीण. औरंगाबाद पुलिस ने 48 घंटे के अंदर एक हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए इसमें संलिप्त पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपितों में मृत युवक के सगे दो भाई व एक महिला भी शामिल है. गौरतलब है कि नौ नवंबर को फेसर थाना क्षेत्र के बनाही गांव स्थित उन्थू बधार से एक युवक का शव बरामद किया गया था. मृत युवक कामेश्वर चौधरी उर्फ कारू चौधरी बनाही गांव का ही रहने वाला था. मंगलवार को प्रेसवार्ता में एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने इसका खुलासा किया. एसडीपीओ ने बताया कि जमीन विवाद में आरोपितों ने कामेश्वर की हत्या की थी. गिरफ्तार आरोपितों में मृतक के सगे भाई मुन्ना चौधरी व टुन्ना चौधरी, बनाही निवासी सुगंधा देवी, रोहतास के नोखा थाना क्षेत्र के ढेकही रघुनाथपुर निवासी संजय सिंह व हत्याकांड का मास्टरमाइंड बनाही गांव निवासी चंदन कुमार शामिल है. हत्या की पूरी साजिश चंदन ने ही रची थी, जिसमें उसके दोनों भाई शामिल थे. शव बरामद करने के बाद फेसर थाने में कांड संख्या 130/24 दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुटी थी. इसके बाद एसपी द्वारा सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में एसएलटी का गठन कर कांड के उद्भेदन की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. तकनीकी विश्लेषण, आसूचना संकलन व एसपी द्वारा गठित विशेष टीम के प्रयास से 48 घंटे में ही उक्त कांड का उद्भेदन करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त एक धारदार चाकू व एक कारतूस भी बरामद किया गया है. एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित चंदन का आपराधिक इतिहास रहा है और फेसर थाने में कांड संख्या 29/19 दर्ज है. एसपी द्वारा गठित विशेष टीम में प्रशिक्षु डीएसपी चंदन ठाकुर, फेसर थानाध्यक्ष सूरज कुमार, एसआइ सुमित कुमार पांडेय, एसआइ श्वेता सिंह व एसआइ राजकुमार सहित अन्य शामिल थे.
गला दबाया, दूसरी जगह गला रेता, फिर तीसरी जगह फेंका था शव
आरोपितों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक कामेश्वर का गला दबाया. दूसरी जगह उसका गला रेता और फिर तीसरी जगह उसका शव फेंका था. एसडीपीओ ने बताया कि युवक की हत्या से पहले गिरफ्तार आरोपित चंदन ने रोहतास के रघुनाथपुर निवासी संजय सिंह को मोटर चोरी करने के लिए बुलाया था. मोटर चोरी करने के लिए संजय सिंह अपने साथ कुछ औजार भी लेकर आया था. इसके बाद चंदन ने कामेश्वर चौधरी उर्फ कारू चौधरी को फोन कर बुलाया. हालांकि, कामेश्वर चौधरी पहले भी चोरी मामले में संदिग्ध पाया गया था. कामेश्वर चौधरी को घर से बाहर ले जाकर उसकी हत्या की साजिश में दोनों सगे भाई भी शामिल रहे. पुलिस ने बताया कि सबसे पहले गमछा से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गयी. इसके बाद दूसरी जगह पर ले जाकर उसका गला रेता गया. फिर तीसरी जगह ले जाकर उसका शव फेंक दिया गया. इस पूरी घटना का साक्ष्य छुपाने की नीयत से आरोपितों ने उक्त जगह पर जमीन विवाद से संबंधित एक कागजात भी रख दिया, ताकि मामला को इधर-उधर कर रफा-दफा किया जा सके. नौ नवंबर की सुबह बधार में युवक का शव मिलने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. हालांकि, परिजनों से बातचीत के दौरान एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय को संदेह हुआ. इसके बाद उन्होंने गुप्त रूप से फेसर थाने की पुलिस को परिजनों पर नजर रखने को कहा. वहीं, एसपी द्वारा गठित विशेष टीम की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गयी, परत दर परत खुलती चली गयी. लगभग 48 घंटे में ही पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश कर लिया. सभी आरोपितों ने इस कांड में शामिल होने की बात स्वीकार की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है