Aurangabad News : न जात न भेदभाव, सिर्फ आस्था
Aurangabad News:मुस्लिम समाज के सूप-दउरा से व्रति करते है भगवान को अर्घ्य अर्पित
देव. छठ की तैयारी जोरों पर है. पांच नवंबर को नहाय खाय के साथ महापर्व का आगाज होगा. सूर्य नगरी देव छठ के रंग में रंगने लगा है. व्रत करने वाले लोग सामग्रियों की खरीदारी कर उसे सहेजने में जुट गये है. देव एक ऐसा जगह है, जहां हर संप्रदाय का रंग एक जैसा होता है. न जात न भेदभाव. सिर्फ आस्था. उदाहरण के तौर पर सूर्य नगरी में जगह-जगह छठ की सामाग्रियां बेच रहे मुस्लिम समाज के लोगों को देखा जा सकता है. एक–दो नहीं बल्कि कई जगहों पर मुस्लिम समाज के लोग प्रसाद के साथ-साथ प्रसाद की सामाग्रियां बेच रहे है और अर्घ्य अर्पित करने की तैयारी में लगे हिंदू समाज के लोग उक्त सामग्रियों की खरीद कर रहे है. ज्ञात हो कि देव में छठ व्रतियों के लिए सूप और दउरा का निर्माण यहां के अनुसूचित जाति के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी करते हैं. देव निवासी मो कासिम, मो गुलाम गोष, मो मुश्ताक अंसारी आदि ने सूप और दउरा की दुकान सजा ली है. मुश्ताक ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से यहां सूप और दउरा बेच रहे है. इसके पूर्व उनके पिता अब्दुल गफूर भी यहां सूप और दउरा बेचा करते थे. मुश्ताक ने बताया कि देव ही ऐसा स्थान है, जहां हिन्दू-मुस्लिम का भेद खत्म हो जाता है. दोनों समुदाय के लोग एक साथ मिलकर एक दूसरे के पर्व में हाथ बंटाते हैं . ज्ञात हो कि सात नवंबर को अस्ताचलगामी और आठ नवंबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ अर्पित किया जायेगा. देव में इस बार 15 लाख श्रद्धालुओं को पहुंचने की संभावना है.
70 से 100 रुपये तक सूप की कीमत
दुकानदारों ने बताया कि इस वर्ष दो लाख रुपये का सूप और दउरा बनाया गया है. पूरा परिवार मिलकर सूप और दउरा बनाते हैं. इस दौरान गांव से भी सूप और दउरा को खरीदकर देव में बेचते हैं. इस वर्ष सूप की कीमत 60 से 80 तो वही ओड़िया की कीमत 100-120 रुपये है जबकि पंखे की कीमत 30-35 रुपये तक है. देव सूर्य मंदिर और चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर इस बात से इसका महत्व समझिए कि इस पर्व में दूसरे प्रदेश से आने वाले हजारों श्रद्धालु किराये पर कमरे बुक करा चुके है.
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