देव.
ढिबरा थाने की पुलिस ने बनुआ के पहाड़ी क्षेत्र में अवैध रूप से की जा रही अफीम की खेती का भंडाफोड़ किया है. गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लगभग पांच से छह एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया. इस अभियान के लिए पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल एवं जिला वन अधिकारी के निर्देश पर एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया था. इस दल का नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर-2 अमित कुमार व 29वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल के एसी धर्मेंद्र सिंह, थानाध्यक्ष रितेश कुमार उपाध्याय, वन विभाग अधिकारी चंदन कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने किया. गठित एसआइटी टीम द्वारा बनुआ पंचायत के पहाड़ी क्षेत्र में छापेमारी कर अफीम की फसल पूरी तरह नष्ट कर दी गयी. इस कार्रवाई के तहत वन विभाग ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस बड़े ऑपरेशन से अफीम तस्करों को भारी नुकसान हुआ है और उनके मंसूबों को बड़ा झटका लगा है. पुलिस एवं वन विभाग के इस सख्त कदम से क्षेत्र में अवैध खेती करने वालों में हड़कंप मच गया है. इस कार्रवाई के दौरान लगभग पांच-छह एकड़ भूमि पर लगी अफीम एवं पोस्ता की फसल बरामद की गयी है.नक्सलियों की आर्थिक मजबूती में सहायक रही है अफीम की खेती
देव और मदनपुर के दक्षिणी इलाके नक्सलियों के गढ़ रहे है. जैसे-जैसे पुलिस की पहुंच बढ़ी,वैसे-वैसे नक्सलियों में भगदड़ की स्थिति बनी. सात-आठ साल पहले तक नक्सलियों का सम्राज्य हुआ करता था. दोनों इलाके में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी. सैकड़ों एकड़ में बेखौफ खेती होती थी और अफीम के फसल को बेचकर नक्सली अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते थे. हथियारों की खरीद होती थी. अब नक्सलियों के अरमान ध्वस्त हो गये. हालांकि, अभी भी चोरी-छिपे मदनपुर और देव के इलाके में अफीम की खेती की जा रही है. पिछले छह माह की बात की जाए तो 200 एकड़ से अधिक अफीम की खेती को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त किया है.
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