औरंगाबाद सदर. आदि गंगा के नाम से प्रसिद्ध पुनपुन नदी की महिमा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित व प्रसारित करने के उद्देश्य से होने वाले तीन दिवसीय पुनपुन महोत्सव का आगाज छह दिसंबर को होगा. कार्यक्रम को मूर्त रूप देने व तैयारियों को बेहतर बनाने को लेकर महोत्सव समिति के साथ-साथ समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों की बैठक हुई. बैठक में आयोजन के लिए 25 लाख रुपये के आवंटन की मांग बिहार सरकार से की गयी. यह बैठक टंडवा स्थित विनोद सोनी के आवास पर अध्यक्ष रामजनम सिंह की अध्यक्षता में हुई. सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि पांच वर्षों से लगातार महोत्सव का तीन दिवसीय आयोजन जन सहयोग से होते आ रहा है, परन्तु इसकी स्थायी तिथि तय नहीं हो सकी है. एक स्थायी तिथि तय कर जिला प्रशासन और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार को भेज दिया जाये. ऐसे में उक्त प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया और सर्वसम्मति से श्रीराम-सीता विवाह तिथि मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष के पंचमी से शुरू होकर षष्ठी और सप्तमी तक तीन दिवसीय आयोजन करने का निर्णय लिया गया. इस वर्ष इसका अंग्रेजी तिथि छह, सात व आठ दिसंबर होगा. दूसरे प्रस्ताव में उक्त आयोजन के लिए 25 लाख रुपये का आवंटन करने की मांग कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार से करने का निर्णय लिया गया. पत्र लिखने की जिम्मेदारी संरक्षक सिद्धेश्वर विद्यार्थी को दी गयी. अन्य प्रस्ताव के जरिये जिला प्रशासन और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से मांग की गयी कि महोत्सव के कार्यक्रम निर्माण और उसके कार्यान्वयन में महोत्सव आयोजन समिति को प्राथमिकता दी जाये. गौरतलब है कि बिहार ही नहीं संपूर्ण देश स्तर पर पुनपुन का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व है. गौरव की बात है कि उक्त नदी का उद्गम स्थल टंडवा है, परन्तु इस नदी का लगातार अतिक्रमण हो रहा है. नदी नाला बन कर रह गयी है. 2019 से महोत्सव आयोजित कर उक्त नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने, अविरल धारा बहाने, अपेक्षित विकास कराने और इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने के लिए जन सहयोग से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि, सरकार द्वारा अब इस महोत्सव का अधिग्रहण कर लिया गया है जो खुशी की बात है. बैठक में दीपक वैद्य, दिवाकर चंद्र, मनोज कुमार सोनी, जितेंद्र मेहता, राहुल तिवारी, बिनोद कुमार सोनी, महोत्सव कोषाध्यक्ष उमेश प्रसाद सिंह, कोऑपरेटिव अध्यक्ष अश्विनी सौरभ, शिक्षक शिवपूजन सिंह, बिनोद मालाकार, सचिव राजेश अग्रवाल, सुमेर यादव, लालमोहन मेहता, संरक्षक सिद्धेश्वर विद्यार्थी सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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