Aurangabad News : मानव रहित हवाई ड्रोन क्रय करने पर मिलेगा 60 प्रतिशत अनुदान
Aurangabad News : लॉटरी के तहत अनुमंडल स्तर पर चयनित किये जायेंगे लाभार्थी
औरंगाबाद/कुटुंबा. केद्र व राज्य की सरकार कृषि के बेहतरी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इसके लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू की है. खेतिहरों को अनुदान पर बीज व कृषि यंत्र के साथ कीटनाशी दवाईयां दी जा रही है. अब किसानो को फसल पर रसायनिक दवा के छिड़काव करने के लिए मानव रहित हवाई ड्रोन दिया जा रहा है. सहायक निदेशक पौधा सरंक्षण रॉकी रावत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत पौधा संरक्षण विभाग द्वारा मानव रहित हवाई ड्रोन के क्रय पर अनुदान 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान तय किया गया है. उन्होंने बताया कि किसानों को एक ड्रोन लेने पर अधिक से अधिक तीन लाख 65 लाख रुपये अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना अन्तर्गत प्रत्येक अनुमंडल के लिए एक मानव रहित हवाई ड्रोन के क्रय पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा. ड्रोन के क्रय के लिए आवेदन कृषि विभाग के ओएफएमएएस पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से किया जायेगा व लाभार्थी का चयन भी जिला स्तरीय गठित कमेटी द्वारा अनुमंडल वार लॉटरी कर चयन किया जायेगा. सब्सिडी काटकर ड्रोन की शेष राशि का भुगतान कर ड्रोन का क्रय किया जायेगा व अनुदान की राशि संबंधित कंपनी/विक्रेता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए कोई भी किसान या खेतीबारी कृषि क्लीनिक संस्थापक से लेकर कृषि यंत्र बैंक तथा स्वयं सहायता समूह या फिर अनुज्ञप्ति धारी कीटनाशी विक्रेता, किसान उत्पाद संगठन,स्वयं सेवा संस्थान, निजी संस्थान रजिस्टर्ड कंपनी आदि के संचालक ऑनलाइन अप्लाई कर ड्रोन खरीद सकते है. चयनित लाभार्थियों का प्रशिक्षण डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय या फिर बिहार कृषि विश्वविद्यालय आदि मान्यता प्राप्त संस्थान के माध्यम से भारत सरकार द्वारा निर्धारित ड्रोन पायलट प्रशिक्षण मॉड्यूल के तर्ज पर किया जायेगा. अधिकारियों ने बताया कि आवेदक विशेष जानकारी के लिए सहायक निदेशक पौधा संरक्षण औरंगाबाद कार्यालय से संपर्क स्थापित कर सकते है. विदित हो रबी फसल में लावारिस घांस नष्ट करने से लेकर सब्जी व धान की फसल पर कीटनाशी दवा छिड़काव करने के लिए मशीन की जरूरत होती है. गटोर आदि छोटे मशीनों से अब दवा का छिड़काव संभव नहीं रह गया है. ऐसे में पंचायत के हर वार्ड स्तर पर मानव रहित हवाई ड्रोन की जरूरत समझी जा रही है.
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