औरंगाबाद कार्यालय. मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए औरंगाबाद के सैकड़ों लोग प्रयागराज पहुंचे थे. बहुत से लोगों ने संगम स्नान भी किया, लेकिन जब वहां भगदड़ मची तो चेहरे पर दहशत का शिकन भी आ गया. हर कोई अपनी और अपने परिवार की सलामती की दुआ करने लगा. हालांकि, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के लोग सुरक्षित हैं. प्रयाग में मची भगदड़ का कुछ लोगों ने आपबीती बतायी और कहा कि भगवान का शुक्र है कि वे सही सलामत अपने घर लौट गये. औरंगाबाद शहर से सटे मंजुराही गांव के सचिन कुमार सिंह भी अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मौनी अमावस्या का स्नान करने प्रयागराज गया था. मंगलवार की शाम संगम तट पर पूरा परिवार पहुंच गया था. बुधवार की सुबह उन लोगों को स्नान करना था. संगम तट पर रहने के दौरान ही पूरे परिवार को भगदड़ की जानकारी मिली. सचिन ने बताया कि जानकारी होने के बाद भी वह अपने परिवार के साथ उसी जगह पर डटा रहा. सुबह में पूरे परिवार के साथ स्नान किया और जब घर लौटा तो चैन की राहत मिली.
संगम स्नान कर निकलते ही मची भगदड़, सामने पड़े थे जख्मी
ओबरा. प्रयागराज में भगदड़ से मन में भय बन गया था. पूरा परिवार जल्द सुरक्षित निकलने की जुगत में लगा हुआ था. जब सड़क पर पहुंच गया तो जान में जान आयी. भगवान ने उनकी रक्षा की. यह कहना था ओबरा बाजार के निवासियों का. ओबरा से एक दर्जन श्रद्धालु स्नान के लिए प्रयागराज गये थे. अमित कुमार, शिक्षिका सोनम कुमारी, पूनम सिंह, सोहराई सिंह, पुरुषोत्तम कुमार, दीप कुमार, रानीता देवी, चंदा देवी मुख्य बाजार के रहने वाले है और एक दूसरे के पड़ोसी है. ये सभी एक साथ मौनी अमावस्या का स्नान करने प्रयागराज गये थे. अमित ने बताया कि मंगलवार की देर रात लगभग एक बजे भगदड़ हुई. उसके साथ रहे तमाम लोग स्नान कर प्रयागराज संगम से निकल रहे थे. अचानक अफरा-तफरी मच गयी. पास में रहे छोटे-छोटे बच्चों को लेकर चिंता सताने लगी. सभी लोगों को इकट्ठा किया. बार-बार पुलिस द्वारा जगह खाली करने के लिए कहा जा रहा था. सामने ही बहुत से लोग जख्मी हालत में पड़े थे. जैसे-तैसे उन्हें वहां से निकाला. अब तमाम लोग सकुशल घर लौट गये है. अमित ने बताया कि सभी ट्रेन से गये थे और ट्रेन से ही वापस लौटे.
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