संजय व राकेश गिरी ने रची थी साजिश
खुलासा: कई दफे मारने की हुई थी कोशिश, अंतत: शूटरों ने दिया घटना काे अंजाम
औरंगाबाद कार्यालय. नवीनगर के व्यापार मंडल अध्यक्ष व अंकोरहा पैक्स अध्यक्ष के पति संजय सिंह की हत्या मामले का अंतत: खुलासा हो ही गया. राजनीतिक द्वेष और बदले की भावना से घटना काे अंजाम दिया गया. अपराधी संजय गिरी और राकेश गिरी ने पूरे घटना की साजिश रची. अंतत: शूटरों से घटना काे अंजाम दिलवाया. पुलिस ने संजय सिंह हत्याकांड में शामिल माली थाना क्षेत्र के खंभा गांव निवासी राधेश्याम गिरी के पुत्र सत्यजीत गिरी उर्फ बाबू सत्या और एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र के घुजा गांव निवासी कमेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. इनके पास से घटना में इस्तेमाल बाइक और दो मोबाइल फोन बरामद किया गया है. हालांकि, मास्टरमाइंड संजय गिरी और राकेश गिरी पुलिस पकड़ से दूर है. इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी हो रही है.
राकेश ने अन्य लोगों के साथ दिया घटना का अंजाम
रविवार को औरंगाबाद एसपी अंबरीश राहुल ने व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय सिंह की हत्या मामले का खुलासा किया है. घटना में शामिल दो अपराधियों की गिरफ्तारी और घटना के पीछे कारणों को मीडिया के समक्ष साझा किया. एसपी ने बताया कि 30 नवंबर की शाम माली थाना क्षेत्र के सोनौरा पुल के समीप दो बाइक सवार अपराधियों ने व्यापार मंडल अध्यक्ष को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह औरंगाबाद से लौट रहे थे. सूचना के बाद माली, एनटीपीसी, खैरा, बारुण व कुटुंबा थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल व मृतक की गाड़ी से साक्ष्य संकलन किया. मृतक के पुत्र आकाश कुमार सिंह के फर्द बयान पर एक दिसंबर को माली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर कांड के उद्भेदन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गयी. सीसीटीवी फूटेज का अवलोकन, आसूचना संकलन, तकनीकी अनुसंधान आदि के आधार पर कांड का उद्भेदन करते हुए सत्यजीत गिरी उर्फ बाबू सत्या एवं कमेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के क्रम में अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार किया. स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि पूरी घटना का मास्टरमाइंड राकेश गिरी एवं संजय गिरी है.25 नवंबर की घटना के बाद शुरू हुई बदले की कार्रवाई
एसपी ने बताया कि पिछले माह 25 नवंबर की शाम गाड़ी हटाने को लेकर संजय कुमार सिंह के लोगों के साथ संजय गिरी, राकेश गिरी, मंटू यादव, पिंटू गिरी, विक्की गिरी आदि लोगों के साथ लड़ाई हुई थी,जिसमें पिंटू गिरी एवं सोनू गिरी जख्मी हो गये थे. इस लड़ाई के साथ-साथ चुनावी हार का बदला लेने के लिए संजय गिरी ने राकेश गिरी को संजय सिंह को मारने का कार्य सौंपा था.29 नवंबर को मारने की साजिश विफल, 30 को लिया बदला
एसपी ने बताया कि संजय सिंह की हत्या करने के लिए 28 नवंबर को राकेश गिरी ने एक मिटिंग रखी,जिसमें मंटू यादव,विक्की गिरी,सत्यजीत गिरी उर्फ बाबू सत्या,कमेंद्र सिंह एवं तीन अज्ञात लोग शामिल हुए. हत्या की योजना बनायी गयी. 29 नवंबर को संजय सिंह की हत्या का प्रयास किया गया,लेकिन मंटू यादव द्वारा ठीक से लोकेशन नहीं देने के कारण प्रयास विफल हो गया. उसी दिन रात में सभी लोग संजय गिरी के यहां खाना-पीना किया. राकेश गिरी द्वारा तय किया गया कि किसी भी हाल में 30 नवंबर को संजय सिंह की हत्या करना है. 30 नवंबर की सुबह में संतोष यादव द्वारा अंकोरहा गांव से एवं कमेंद्र सिंह द्वारा घुजा गांव से मृतक का लोकेशन दिया गया, लेकिन योजना सफल नहीं हुई. फिर सभी लोग राकेश गिरी के साथ खंभा गांव में सत्यजीत गिरी के पोखर पर मिलकर औरंगाबाद से लौटते समय संजय सिंह की हत्या की योजना बनायी. 30 नवंबर की शाम संजय सिंह अपने साथियों के साथ अंकोरहा लौट रहे थे. सत्यजीत गिरी उर्फ बाबू सत्या ने चतरा मोड़ पर मृतक का लोकेशन राकेश गिरी एवं उनके साथियों को दिया. इसके बाद सोनौरा बाजार के समीप कमेंद्र सिंह ने लोकेशन दिया. अंतत: सोनौरा पुल के समीप दो बाइक सवार छह लोगों ने घेरकर संजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी.फरार आरोपित जल्द होंगे शिकंजे में
व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय सिंह की हत्या में शामिल दो अभियुक्त गिरफ्तार कर लिये गये. लेकिन मास्टरमाइंड संजय गिरी, राकेश गिरी के अलावा लोकेशन देने और घटना में शामिल अन्य अभियुक्त फरार है. एसपी ने बताया कि बहुत जल्द ये सभी पुलिस के शिकंजे में होंगे. इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी हो रही है. इनके लोकेशन पर पुलिस नजर रख रही है. प्रेस वार्ता में सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय एवं माली थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है