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Aurangabad News: अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई बेकार

Aurangabad News:लाखों रुपये खर्च कर सभी पंचायतों में कराया गया था निर्माण

मदनपुर. प्रखंड की सभी पंचायतों में लाखों रुपये खर्च कर अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कराया गया. वहां पर एकत्रित कचरे से जैविक खाद बनाना था, लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण आज तक अधिकतर पंचायतों में बना अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई हाथी का दांत बनकर रह गया है. वहां न तो कचरा एकत्रित किया जाता है और न ही कचरे का कोई प्रबंधन किया जाता है. हर घर से कचरा एकत्रित करने के लिए लिया गया इ रिक्शा जंग खा रही है. इन इ रिक्शाें के मेंटेनेंस के नाप पर राशि निकालकर बंदरबांट किया जा रहा है. इस कारण सरकार की जन कल्याणकारी योजना सिर्फ लूट का योजना बन कर रह गयी है. प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण हो चुका है. इसके निर्माण पर प्रति पंचायत लगभग सात लाख रुपये खर्च किये गये हैं. लेकिन, कहीं भी कचरा एकत्रित नहीं हो रहा है. फोटो खींचकर अधिकारियों को भेजने के लिए एक-दो पंचायतों में कुछ कचरे को जमा कर दिया गया है और तो और कुछ भवन भी जीर्ण शीर्ण हाल में है. लेकिन कागज पर सभी पंचायतों में कुछ न कुछ खाद बनाने का रिपोर्ट किया गया है. अगर जांच की जाये, तो सारी हकीकत सामने आ जायेगी.

सड़क किनारे फेंके जा रहे कचरे से बीमारी फैलने का डर

मदनपुर प्रखंड के लगभग सभी पंचायत में स्वच्छता कर्मियों द्वारा एकत्रित कचरे को सड़क के किनारे ही जमा कर उसमें आग लगा दी जाती है. इसके कारण जहां सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाती है. वहीं जमा कचरे में आग लगने से उसके धुएं व गंदगी से काफी अधिक वायु प्रदूषण होता है. इसके बावजूद पंचायत के मुखिया व अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है. सरकारी नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है.

अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का यह था उद्देश्य

पंचायत के विभिन्न वार्डों से कलेक्शन किये जा रहे कचरा को एक जगह इकट्ठा कर उसके प्रबंधन की व्यवस्था की जानी थी. इसी के तहत पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया जा रहा था. अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई में कचरा को इकट्ठा कर उसके प्रयोग में लाने के उद्देश्य से बनाया गया है. यहां सूखा और गीला कचरा के लिए अलग इकाई बनायी गयी है. सूखे कचरे को बेच दिया जाना था, जबकि गीले कचरे से जैविक खाद का निर्माण किया जाना था. इसके लिए इस इकाई में अलग-अलग बॉक्स बनाये गये हैं. जिसमें सूखा कचरा, गीला कचरा, कार्बनिक कचरा, चिकित्सीय कचरा, प्लास्टिक कचरा, विद्युत कचरा, विविध कचरा के प्रबंधन के लिए अलग-अलग बॉक्स बनाये गये हैं. इस योजना का मूल मकसद था कि देश के साथ गांव घर को भी स्वच्छ रखा जाये और गांव में भी जहां-तहां कचरे को ना फेंका जाए और कचरा से गंदगी न फैले और उस कचरे को उपयोग में लाया जा सके.

19 पंचायतों में बना है अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई

मदनपुर प्रखंड की 19 पंचायतों में प्रसंस्करण इकाई का निर्माण हो गया है. केवल घोड़ाडिहरी पंचायत में नहीं बना है. 18 पंचायतों में 246 स्वच्छता कर्मी बहाल किये गये है. वहीं 18 स्वच्छता पर्यवेक्षक बहाल किये गये हैं. प्रत्येक स्वच्छता कर्मियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है.

क्या कहते हैं बीडीओ

मदनपुर बीडीओ अवतुल्य कुमार आर्य ने कहा कि कुछ पंचायतों में जैविक खाद बन रहा है. सड़क किनारे कचरा नहीं फेंका जा रहा है. अगर किसी पंचायत में फेंका जा रहा तो इसकी जांच करायी जायेगी और कार्रवाई की जायेगी.

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