Aurangabad News : कुटकू डैम में गेट लगाने की कवायद शुरू

Aurangabad News: उत्तर कोयल मुख्य नहर में जोर-शोर से चल रहा रिमॉडलिंग कार्य, जल प्रवाह का अवरोध समाप्त करने के लिए हटाये जा रहें संकीर्ण पुल-पुलिया

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2025 10:30 PM

औरंगाबाद/कुटुंबा.

मगध प्रक्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों में सिंचाई के लिए वरदान साबित होने वाली उत्तर कोयल मुख्य नहर का लाईनिंग कार्य जोर-शोर से चल रहा है. इस कार्य की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने वाप्कोस को दी है. वाप्कोस ने पिछले वर्ष 2023 के 28 नवंबर से नहर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया है. इसके लिए तरह-तरह की मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है. पुराने टाईल्स को हटाने के लिए पोकलेन, गाद की सफाई के लिए जेसीबी सीएनएस के लिए कंपेक्टर व रौलर व लाईनिंग के लिए रेल व पेवर मशीन लगाया गया है. दशकों से उपेक्षित सिंचाई परियोजना के रिकॉडलिंग कार्य शुरू होने से किसानों में हर्ष है. 1972 के फरवरी महीने में उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. इसके 21 वर्षों के बाद बिहार सरकार के वन विभाग की आपत्ति पर सभी तरह की सरंचनाओं के निर्माण पर रोक लगा दिया गया. इसकी मुख्य वजह कुटकू डैम का डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि टाइगर प्रोजेक्ट का भूभाग था. इस बीच केंद्र सरकार की उदासीनता और बिहार के नेताओं की निष्क्रियता की वजह से 2013 तक उक्त सिंचाई परियोजना मृतप्राय साबित हुआ. 2009 में औरंगाबाद के सासंद बनने के बाद सुशील कुमार सिंह ने कोयल नहर के अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लिया. लंबे अर्से तक यूपीए के सरकार में उन्हें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी. रामपुर गांव के रिटायर्ड बीएओ रामचंद्र सिंह, रसलपुर के राजस्व कर्मी शिवनाथ पांडेय, घोस्ता गांव के परशुराम सिंह व विनय सिंह आदि बताते हैं कि इस दौरान उन्हें कई तरह की मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सरकार बनी तो एक-एक कर सभी तरह की अड़चनें दूर होने लगी. इसके कुछ ही दिनों के बाद झारखंड क्षेत्र में कोयल नहर की सरंचनाओं को कंप्लीट करने के लिए 1622.27 राशि आवंटित कर दी गई थी.

मगध प्रक्षेत्र में बेहतर सिंचाई सुविधा होगी बहाल

कोयल नहर की सरंचनाओं को कंप्लीट होने से मगध प्रक्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों में बेहतर सिंचाई सुविधा बहाल होगी. कहीं भी वाटर ड्राइंग डिस्चार्य प्रभावित नहीं होगा. सदर प्रखंड से लेकर नवीनगर, बारूण, कुटुंबा, देव, मदनपुर व रफीगंज के साथ-साथ गया जिले के आमस, गुरूआ, गुरारू, कोंच व टिकारी प्रखंड क्षेत्र में फसल की सिंचाई होगी. इसके पहले सरकार के वन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कुटकू डैम में गेट लगाने पर रोक लगाये जाने से नहर का मेंटेनेंस कार्य वर्षों तक बाधित रहा. झारखंड पोरसन में तटबंधों के दोनों तरफ झाड़िया उग गयी थी. विद्युत विभाग ने अनाधिकृत रूप से नहर के बेड साईड में बिजली का पोल खड़ा तटबंधों को तहस-नहस कर दिया है.

टीइसी की बैठक में नहर कार्यों की हुई समीक्षा

तीन जनवरी को दिल्ली में आयोजित हुई टेक्निकल एवैलूशन इन पॉवर कमेटी की बैठक में कोयल नहर के कार्यों की समीक्षा की गयी. हाल फिलहाल में कमेटी साईड विजिट कर क्वाटिंटी व क्वालिटी का मॉनीटरिंग करेगी. हालांकि ऐसे भी टेक्निकल अधिकारियों की देख-रेख में नहर का रिमॉडलिंग कार्य जारी है. इसके कुछ पहले सीडब्लसी की टीम ने बिहार व झारखंड पोरसन में भ्रमण कर नहर के लाईनिंग कार्य का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. अधिकारियों ने बताया कि क्वालिटी और क्वांटिटी से समझौता बर्दास्त नहीं किया जायेगा. झारखंड क्षेत्र के 103 आरडी से लेकर नहर के अंतिम छोर 357 आरडी यानी 31.40 किलोमीटर के बाद से लेकर 109.09 किलोमीटर कुल 77.69 किलोमीटर दूरी में मेन कैनाल में लाईनिंग कार्य चर रहा है. वर्तमान में सभी डिवीजनों में बारी-बारी कार्य शुरू कर दिया गया है. लाईनिंग कार्य के दौरान पुराने जमाने का टाईल्स व गाद को हटा कर साफ कर दिया जा रहा है. इसके बाद मोरम व बालू मिलाकर सीएनएस किया जा रहा है. रॉलर से लेबलिंग व कंप्रशेर मशीन से कंपेक्शन करने के बाद उसे लोअर डेनसिटी पॉलिथिन बिछाकर कंक्रीट से ढलाई की जा रही है. इस दौरान संकीर्ण पुलिया को हटाकर उसे बेहतर बनाया जा रहा है. वहीं आधुनिक डिजाइन के पुल निर्माण के दौरान बीच का पाया हटाया जा रहा है. इस बीच सिर्फ पुल के दोनों साईड में पाया रखे जायेंगे. इससे नहर का जल प्रवाह अवरोध नहीं होगा.

क्या है बुद्धजीवियों की राय

औरंगाबाद के अमिताभ कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, कुटुंबा के औंकार नाथ सिंह, चितावंन बिगहा के भरत पांडेय व अंबिका पांडेय तथा झखरी गांव के राधेश्याम सिंह आदि बताते हैं कि अगर कोयल सिंचाई परियोजना राजनीती अखाड़ा नहीं बना तो शीघ्र ही रिमॉडलिंग कार्य पूरा होगा. उन्होंने बताया कि नहर के लाईनिंग और पुल पुलिया के एक साथ कार्य शुरू होने से अन्नदाताओं में गजब का उत्साह है.

क्या बताते हैं एसई

जल संसाधन विभाग के एसई अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि उत्तर कोयल मुख्य नहर का लाईनिंग कार्य 10 पैकज में अलग-अलग कार्य एजेंसी कार्य कर रही है. दो पैकेज झारखंड पोरसन में और आठ पैकेज बिहार में है. बिहार का पैकेज नंबर सात के लिए निविदा की प्रकिया पूरी की जा रही है. वहीं बिहार पोरसन के सभी पैकेज में रिमॉडलिंग कार्य जारी है. सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष मार्च तक लाईनिंग कार्य पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि दो महीने के बाद सभी वितरणिया व लघु नहरों में भी जीर्णोद्धार कार्य शुरू होगा.

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