Aurangabad News : 22 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट की योजना पर काम कर रहा बीआरबीसीएल

Aurangabad News:बिजली उत्पादन का 90 प्रतिशत हिस्सा रेलवे व 10 प्रतिशत बिहार सरकार को किया जा रहा सप्लाई

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 10:04 PM

औरंगाबाद कार्यालय. भारतीय रेलवे बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) 22 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना पर लगभग 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह परियोजना कंपनी की सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बढ़ते प्रतिबद्धता को दर्शाती है. ये बातें बीआरबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने मीडिया संवाद के दौरान कही. उन्होंने बताया कि बीआरबीसीएल के पास आवश्यक भूमि उपलब्ध है, जहां इस सोलर प्लांट को स्थापित किया जा सकता है. इस संबंध में प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है और स्वीकृति का इंतजार है. यह परियोजना बीआरबीसीएल के पर्यावरणीय स्थिरता के लक्ष्यों को और मजबूती देगी. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि बीआरबीसीएल वर्तमान में भारतीय रेलवे की बिजली की कुल खपत का 25 प्रतिशत हिस्सा पूरा कर रही है. कंपनी अपने उत्पादन का 90 प्रतिशत हिस्सा (900 मेगावाट) भारतीय रेलवे को प्रदान कर रही है, जबकि शेष 10 प्रतिशत यानी 100 मेगावाट बिजली बिहार राज्य को मुहैया करायी जा रही है. बीआरबीसीएल रेलवे के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत बन चुका है और यह सुनिश्चित करता है कि रेलवे संचालन की आवश्यकताएं पूरी हों. बीआरबीसीएल द्वारा उपलब्ध करायी जा रही 900 मेगावाट बिजली का इस्तेमाल कहां और कैसे करना है यह पूरी तरह भारतीय रेलवे पर निर्भर करता है.

जमीन उपलब्ध कराने पर ट्रॉमा सेंटर का कराया जायेगा निर्माण

इधर, औरंगाबाद जिला प्रशासन ने बीआरबीसीएल से जिले में एक ट्राॅमा सेंटर स्थापित करने की मांग पर बीआरबीसीएल के सीइओ ने बताया कि जिला प्रशासन से डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट), जमीन की उपलब्धता और अन्य आवश्यक जानकारियां मांगी गयी है. जैसे ही प्रशासन द्वारा पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी, इस योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. हालांकि, ट्राॅमा सेंटर को स्थापित करने का अंतिम निर्णय अभी स्पष्ट नहीं है. यह परियोजना बीआरबीसीएल के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड से किया जायेगा.

सीएसआर के तहत 6.87 करोड़ का योगदान, सरकारी विद्यालयों का निर्माण

पिछले वित्तीय वर्ष में बीआरबीसीएल को 6.87 करोड़ रुपये का सीएसआर फंड मिला था, जिसे औरंगाबाद जिले के विभिन्न विकास कार्यों में खर्च किया गया. सबसे महत्वपूर्ण परियोजना मंझियावां स्थित सरकारी विद्यालय का निर्माण और इसे सुसज्जित करने की रही, जिस पर लगभग डेढ़ से पौने दो करोड़ रुपये की लागत आयी. यह कदम शिक्षा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को सुधारने और बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित हुई है.

किसानों के 1566 मामलों में से 700 का निबटारा, भूमि अधिग्रहण पर प्रगति

बीआरबीसीएल ने किसानों के 1566 मामलों में से 700 मामलों का सफलतापूर्वक निबटारा कर दिया है. अधिकारियों ने बताया कि सभी भूमि अधिग्रहण संबंधी विवाद अब सुलझा लिये गये हैं, और कोई भी मामला लंबित नहीं है. कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 1000 मामलों का भी निबटारा कर दिया जायेगा. यह प्रगति कंपनी की स्थानीय किसानों और समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाती है.

बिजली उत्पादन में रहा उत्कृष्ट प्रदर्शन

बीआरबीसीएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभूतपूर्व प्रचालन प्रदर्शन किया है. कंपनी ने 6944.429 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन किया, जो बीआरबीसीएल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. साथ ही प्लांट लोड फैक्टर 79.06 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो क्षमता और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. सुरक्षा के क्षेत्र में कंपनी को प्लैटिनम अवार्ड से सम्मानित किया गया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने यह भी बताया कि अब तक 1.4 लाख से अधिक पेड़ लगाये गये है और इस वर्ष पांच हजार और पौधे लगाने का लक्ष्य है. सीएसआर के तहत लगातार कार्य हो रहे है. परियोजना प्रभावित गांवों की 40 लड़कियों को चार सप्ताह का आवासीय कार्यशाला में सशक्त बनाया गया. इसमें भी बीआरबीसीएल को पुरस्कृत किया गया. उत्कर्ष मेधावी छात्रवृत्ति के माध्यम से कक्षा 10 के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित किया गया. विभिन्न स्कूलों में 600 बेंच-डेस्क भी वितरित किये गये. मीडिया संवाद में परियोजना के महाप्रबंधक संदीप दास, मानव संसाधन के अपर महाप्रबंधक अनिरुद्ध सिंह, मुख्य वित्त अधिकारी विजयश्री रंगनाथम उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन नैगम संचार कार्यपालक दिव्या बत्रा ने किया.

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