औरंगाबाद/कुटुंबा. प्रखंड क्षेत्र के मिडिल स्कूल लभरी में स्थानीय व बाहरी शिक्षकों के बीच गतिरोध उत्पन्न होने से विवाद गहराता जा रहा है. यह मामला सोमवार को और तूल पकड़ लिया है. ऐसे में विद्यालय के मध्याह्न भोजन करने के बाद सभी बच्चे वापस घर लौट गये. इसके पश्चात उनके अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर इसका विरोध जताना शुरू कर दिया. तिलवां परसावां के महेंद्र राम, यदुनंदन पासवान व जीतेंद्र रामआदि ने बताया कि बीपीएससी के तहत बाहर से आये शिक्षक बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने का प्रयास करते हैं. ऐसे में स्थानीय एक-दो शिक्षकों को नागवार गुजर रहा है. इसकी वजह से बच्चों को काफी दिक्कत हो रही है. वहीं, स्थानीय शिक्षक की सूचना पर उनके परिजन स्कूल में आकर बाहरी शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इधर, बच्चों का भी आरोप है कि गत शुक्रवार को शिक्षिका कंचन कुमारी के परिजनों ने उक्त स्कूल में पहुंचकर बीपीएससी शिक्षक प्राची कश्यप के साथ दुर्व्यवहार किया. जानकारी के अनुसार, विद्यालय के हेडमास्टर दीपक कुमार सिन्हा 29 सितंबर को स्कूल की शिक्षिका प्राची कश्यप को प्रभार देकर कहीं गये थे. इसी बीच प्रभारी हेडमास्टर व विद्यालय की एक अन्य शिक्षिका कंचन कुमारी के बीच वॉशरूम की चाभी को लेकर विवाद हो गया. प्राची कश्यप ने बताया कि चार अक्तूबर को स्थानीय शिक्षक कंचन कुमारी ने गुच्छे से वॉशरूम की एक चाभी निकालकर अपने पास रख लिए थे. चाभी मांगने को लेकर कहा सुनी हुई. इसी बात को लेकर कंचन ने फोन पर सूचना देकर अपने घर से परिजनों को बुला लिया. उनके परिजन विद्यालय पहुंचे और प्राची के मोबाइल छीन लिये. इसके बाद उसके साथ अनावश्यक रूप से तू-तू मैं-मैं करने लगे. ऐसे में प्राची सहम गयी है. वह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहनेवाली है. औरंगाबाद से विद्यालय आती है. उस दिन पंसस सदस्य प्रतिनिधि विकास सिंह ने पहुंचकर मामले को शांत कराया था. इधर, सोमवार को स्थानीय पंसस उषा देवी समेत बड़ी संख्या में तिलवा परसावां गांव की अभिभावक महिलाएं वहां जुट गयी. सभी विद्यालय को सुव्यवस्थित तरीके से चलाने की मांग कर रहे थे. मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गयी है. मौके पर शिक्षक कुमार शुभम, सलोनी कुमारी व खुशबू कुमारी व सुदेश कुमार ठाकुर समेत सभी रसोईया मौजूद थे.
भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं ग्रामीण
लभरी और तिलवां परसांवा से पढ़ने आने वाले बच्चों के अभिभावक हेडमास्टर दीपक कुमार सिन्हा पर शिक्षकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. अभिभावकों को कहना है कि जब गांव के एक शिक्षक के परिजन अनाधिकृत रूप से स्कूल में आकर महिला शिक्षक के साथ गलत ढंग से पेश आये. इसके बावजूद हेडमास्टर ने इसका संज्ञान लेने का प्रयास नहीं किया. हालांकि, हेडमास्टर दीपक कुमार सिन्हा इससे इन्कार कर चले गये है. उनका कहना है कि मैं इसमें कुछ भी नहीं कर सकता हूं. शिक्षक गलतफहमी में आपस में बिखर गये हैं. ऐसे में मैं भी चिंतित हूं. वहीं, रसोईया का कहना है गांव के शिक्षक को मध्याह्न भोजन कराया जाता है और बाहर के शिक्षक डेरा से लंच लेकर आते हैं. एकरुपता के अभाव में भी विवाद तूल पकड़ ले रहा है.क्या कहते हैं अफसर
डीइओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से विद्यालय में पहुंचकर शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करना कानूनन अपराध है. इसके लिए संस्था प्रधान को खुद जिम्मेदार होना चाहिए. सारी जवाबदेही हेडमास्टर के ऊपर है. यदि शिक्षक के परिजन स्कूल में पहुंचकर बाहरी शिक्षको के साथ अनर्गल ढंग से पेश आते हैं तो हेडमास्टर को उनके विरुद्ध थाने में एफआअआर दर्ज कराना चाहिए. दोषी के विरुद्ध कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है