Aurangabad News : पांच सांसदों ने प्रधानमंत्री से की इंद्रपुरी जलाशय के शीघ्र निर्माण की मांग

Aurangabad News:सोन नहरों का आधुनिकीकरण कराने का भी मुद्दा उठाया, प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर सांसदों ने सौंपा ज्ञापन

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 10:49 PM

दाउदनगर.

काराकाट के सांसद राजाराम सिंह ने प्रधानमंत्री से सोन नदी पर इंद्रपुरी जलाशय (कदवन डैम) का निर्माण करने व नहरों के आधुनिकीकरण कराने की मांग की है. इस ज्ञापन पर सीपीआइ एमएल के आरा से सांसद सुदामा प्रसाद, कांग्रेस के सासाराम से सांसद मनोज कुमार, राजद के जहानाबाद से सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव व बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के हस्ताक्षर हैं. सांसद राजाराम सिंह, सुदामा प्रसाद, मनोज कुमार व सुधाकर सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में जाकर ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया है कि 1874 में बनी ऐतिहासिक सोन नहरें अब दम तोड़ रही हैं. अब इंद्रपुरी बराज से मिलने वाला पानी पर्याप्त नहीं है. अतः नहरों के निचले हिस्से तक पानी पहुंचाने के लिए रोहतास जिले के नौहट्टा ब्लॉक के मटिआंव गांव के पास जिसके दूसरी तरफ झारखंड का गढ़वा जिला है, इंदपुरी डैम के शीघ्र निर्माण व सोन नहरों के आधुनिकीरण कराने की आवश्यकता है. इंद्रपुरी जलाशय का बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 1990 जनवरी में शिलान्यास भी किया, लेकिन आज तक यह अति महत्वपूर्ण परियोजना लंबित पड़ी हुई है. बिहार में सिंचाई के लिए सोन के पानी का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य रहा है. उस समय सोन या उसकी सहायक नदियों पर ऊपर में कोई जलाशय नहीं था, लेकिन वह बाणसागर (मध्यप्रदेश) व रिहंद जलाशय (उत्तर प्रदेश) बन जाने से सोन नहरों में पानी का अभाव हो गया है. सिंचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिलता. नदी के पानी के बंटवारे व उपलब्धता के लिए बाणसागर व रिहंद समझौते के तहत समय पर बिहार को पानी नहीं मिलता. पानी तब छोड़ा जाता है, जब चारों ओर पानी-पानी रहता है और नदी में आया यह पानी बहता हुआ गंगा होकर के समुद्र में चला जाता है और सोन के इलाकों में बाढ़ व कटाव पैदा करता है, जिससे जन-धन की भारी क्षति होती है. सोन नहरों से आच्छादित बिहार के आठ जिले रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, भोजपुर, पटना, कैमूर, बक्सर और गया जिले को धान का कटोरा भी कहा जाता है. औरंगाबाद जिले के सोन नदी के किनारे बने एनटीपीसी व बीआरबीसीएल दोनों थर्मल पावरों में पानी की आपूर्ति भी सोन नदी से ही की जाती है. इस बार बरसात के पहले पानी के अभाव ने थर्मल इकाइयों में भी खतरे की घंटी बजा दी थी. काराकाट सांसद ने बताया कि चार सांसदों ने प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर ज्ञापन को सौंपा है. वहां से सिंचाई मंत्री से मिलने के लिए कहा गया है.

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