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औरंगाबाद का खूंखार व इनामी नक्सली सीताराम रजवार पलामू में गिरफ्तार

बड़ी घटना काे अंजाम देने के लिए साथियों के रच रहा था साजिश

औरंगाबाद कार्यालय. बिहार-झारखंड सहित अन्य प्रदेशों में कई बड़े नक्सल घटनाओं में शामिल तीन लाख का इनामी नक्सली सीताराम रजवार उर्फ अमन जी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. इसकी गिरफ्तारी से बिहार व झारखंड की पुलिस को काफी राहत मिली है. खासकर औरंगाबाद जिले के लिए सीताराम रजवार नासूर बन गया था. पलामू एसपी रिशमा रमेशन ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक व महानिदेशक झारखंड के दिशा-निर्देश पर पूरे राज्य में नक्सलियों व उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस नक्सली गढ़ों पर कब्जा कर इलाकों को नक्सल मुक्त कर रही है. आठ अगस्त की रात हुसैनाबाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को सूचना मिली कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के नितेश यादव अपने दस्ता के सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार, संजय यादव उर्फ गोदराम व अन्य सदस्यों के साथ झरगड़ा गांव से सटे झपिया पहाड़ के जंगल में किसी बड़ी घटना काे अंजाम देने के लिए रुका है. सूचना के बाद कार्रवाई के लिए एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित की गयी, जिसमें हुसैनाबाद थानाध्यक्ष संजय कुमार यादव व लठेया पिकेट प्रभारी धर्मवीर कुमार यादव के साथ सशस्त्र बलों को शामिल किया गया. छापेमारी दल को दो भागो में विभक्त कर झरगड़ा से सटे झपिया पहाड़ के समीप छापेमारी की गयी. इसी क्रम में पुलिस को देखकर चार-पांच की संख्या में नक्सली पहाड़ व जंगल की तरफ भागने लगे. अंतत: माओवादी संगठन के जोनल कमांडर व औरंगाबाद जिले के एनटीपीसी थाना क्षेत्र के सलैया गांव निवासी पच्चू रजवार के पुत्र सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पैजामा के पाकेट से एक काले रंग का पर्स जिस पर माओवादी सहयोगी राजेंद्र सिंह द्वारा भेजी गया एक चिट्ठी बरामद हुई. पलामू एसपी की माने तो सीताराम रजवार माओवादी संगठन के नितेश यादव के दस्ता का सक्रिय नक्सली था. सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार औरंगाबाद जिले के माओवादी संगठन का जोनल कमांडर है और इसे जोन नंबर-दो की कमान सौंपी गयी थी. इसके अंतर्गत छत्तपरपुर-हुसैनाबाद मुख्य सड़क के उत्तर दिशा छत्तरपुर से देवरी के सीमेंट फैक्ट्री तक व उत्तरी क्षेत्र जिसमें छत्तरपुर से हरिहरगंज होते हुए अंबा से कुटुंबा, नवीनगर होते हुए तेतरिया मोड़ से पतरघाटा तथा सोन नदी के बीच के क्षेत्र का जिम्मा मिला था. जोनल कमांडर सीताराम रजवार को खूंखार नक्सली के तौर पर जाना जाता रहा है. यह ठेकेदारों, भट्ठा मालिकों, क्रेशर व पत्थर खदान के मालिकों से लेवी वसूल करता था. इसके ऊपर झारखंड सरकार ने 10 और बिहार सरकार ने तीन लाख रुपये के इनाम घोषित किये थे. पलामू जिले के विभिन्न थानों में 28 तथा बिहार के औरंगाबाद व गया जिले के विभिन्न थानों में 23 यानी 51 कांडों में उसकी तलाश की जा रही थी. नक्सली सीताराम रजवार औरंगाबाद जिले के कई बड़े कांडों में शामिल रहा है. वर्ष 2001 में माली थाना लूटकांड में भी शामिल था. नक्सलियों ने छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार लूट लिये थे. इस घटना में वह लीड रोल में था. देव थाना क्षेत्र में एक राजपुत जमींदार की हत्या में भी वह शामिल था. मोनवार में चार व्यक्तियों की हत्या भी की थी. वर्ष 2016 में कालापहाड़ में पुलिस पार्टी वाहन को उड़ाने में शामिल था .पूछताछ के दौरान बताया है कि पुलिस को उड़ाने में नागेन्द्र यादव ने आईडी लगाया था.

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