औरंगाबाद/कुटुंबा. मगध प्रक्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों के खेतिहरों की जीवन रेखा उत्तर कोयल नहर इस बार किसानों की अपेक्षा पर खरी उतरी है. खरीफ मौसम में सिंचाई की दिक्कत नहीं हुई है. इसके लिए जल संसाधन विभाग पूरी तरह तत्पर रहा. तटबंधो में लाइनिंग कार्य शुरू होने व पुल पुलिया के रिमॉडलिंग होने से मेन कैनाल का जल प्रवाह बना रहा. इधर, जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक नवंबर यानी शुक्रवार की सुबह उत्तर कोयल नहर का भीम बराज झारखंड के मेदनीनगर डिवीजन को हैंडओवर कर दिया जायेगा. इसके बाद बिहार को सिंचाई व्यवस्था की जिम्मेवारी समाप्त हो जायेगी. हालांकि, इस दौरान विभाग की तरफ से छठ व्रत को ध्यान में रखते हुए थोड़ा-थोड़ा पानी डिस्चार्ज किया जायेगा. बराज के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर विनीत प्रकाश ने बताया कि कागजी प्रकिया के तहत बराज का प्रभार आदान-प्रदान किया जाता है. इसके पश्चात मेन कैनाल के अधूरे लाइनिंग कार्य को पूरा करने के लिए मेदनीनगर डिवीजन वाप्कोस को नहर सुपुर्द करेगा. ऐसे में इस बार उक्त नहर से रबी फसल की सिंचाई संभव नहीं है. वैसे अब तक नहर का रेगुलर संचालन किया जा रहा है. क्षमता के अनुरूप पानी छोड़े जाने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि, असामाजिक तत्व के लोग मछली मारने के दौरान फसल लगे खेतों में अनावश्यक रूप से पानी बहा दे रहे हैं. स्थानीय सुही गांव के अजीत कुमार, सुदर्शन सिंह, चिंतावन बिगहा के कृष्णानंद पांडेय व कठरी के विनय सिंह आदि का कहना है कि स्वाती नक्षत्र में नमी से धान का फसल तैयार हो जाता है. इसके बाद खेतों में पानी आने से बर्बादी होती है. यहां तक की धान की कटाई के साथ रबी की बुआई भी प्रभावित होती है.
मुख्य नहर में अनवरत पानी डिस्चार्ज किया गया
इस खरीफ मौसम में कोयल नहर का संचालन 29 जून से शुरू किया गया था. इसके पश्चात 5 जुलाई से क्षमता के अनुरूप मुख्य नहर में अनवरत पानी डिस्चार्ज किया गया है. हालांकि, इसी बीच जुलाई महीने के तीसरे सप्ताह में बराज का वाटर पौंड लेबल डाउन करने से किसानों को धान की रोपनी में परेशानी हुई. जानकारी के अनुसार, उक्त नहर से औरंगाबाद के विभिन्न प्रखंडों में करीब 70 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में लगे फसल की सिंचाई हुई है. इसमें नवीनगर डिवीजन क्षेत्र के वितरणियों व लघु नहरों से 16475 हेक्टेयर भूमि व औरंगाबाद डिवीजन क्षेत्र में 19 हजार हेक्टेयर तथा अंबा डिवीजन क्षेत्र के वितरणियों से 23041 हेक्टेयर भूमि में लगी फसल की सिंचाई हुई है. इसके अलावा कोयल नहर से मदनपुर डिवीजन के अधिनस्थ क्षेत्रों में सैकड़ो एकड़ भूमि कवरेज हुई है.क्या बताते हैं अफसर
जल संसाधन विभाग औरंगाबाद के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि भीम बराज मोहम्मदगंज से राइट साइड मेन कैनाल में क्षमता के अनुरूप 2059 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. इसमें 856 क्यूसेक झारखंड पोरसन के 103 आरडी पर बिहार को उपलब्ध प्राप्त हो रहा है. तांतिल व्यवस्था के रविवार की शाम तक नवीनगर को मात्र 30 क्यूसेक अंबा को 600 क्यूसेक और औरंगाबाद डिवीजन क्षेत्र में पटवन करने के लिए 225 क्यूसेक पानी दिया गया है. बराज के पौंड लेबल मेंकअप कर 1672 क्यूसेक पानी बराज के डाउन साइड में नदी में बहाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है