औरंगाबाद में 22 प्रतिशत भू भाग में ही डाला गया बिचड़ा
किसान आर्द्रा नक्षत्र में बारिश होने की आस जोह रहे थे.
प्रतिनिधि, औरंगाबाद/अंबा कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान के बिछड़े डालने का समय समाप्त हो गया है, पर अफसोस की बात यह है कि जिले में अब तक लक्ष्य के अनुरूप 22.42 प्रतिशत ही बीचड़ा डाला गया है. किसान आर्द्रा नक्षत्र में बारिश होने की आस जोह रहे थे. परंतु आर्द्रा नक्षत्र चार दिन भी जाने के बाद भी बारिश नहीं होने से किसानों में एक बार फिर निराशा छा गया है. हालांकि कई जगह पर बूंदाबांदी बारिश हुई है, पर बूंदाबांदी बारिश होने से बिछड़े गिराना संभव नहीं है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार बारुण में प्रखंड में लक्ष्य के अनुरूप अब तक सबसे अधिक 44.11 प्रतिशत एवं देव प्रखंड में सबसे कम 5.74 प्रतिशत बिचड़ा डाला गया है. जानकारी के अनुसार बारुण प्रखंड क्षेत्र में 1711.5 हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक 755 हेक्टेयर भूमि में बिचड़े गिराये गये है. वही देव प्रखंड में 1098.100 हेक्टेयर भूमि में लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 63 हेक्टेयर भूमि में बिचड़े गिराये गये है. इसी तरह औरंगाबाद सदर प्रखंड में 1360.495 हेक्टर लक्ष्य के विरुद्ध 270 हेक्टेयर यानी की 19.85 प्रतिशत, ओबरा प्रखंड अंतर्गत 1914.103 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 520 हेक्टेयर यानी की 22.17 प्रतिशत, दाउदनगर प्रखंड अंतर्गत 913.550 हेक्टर में लक्ष्य के विरुद्ध 273 हेक्टेयर यानी की 29.88 प्रतिशत, हसपुरा प्रखंड अंतर्गत 970.416 हेक्टेयर भूमि में लक्ष्य के विरुद्ध 144 हेक्टेयर यानी की 14.84 प्रतिशत, गोह प्रखंड अंतर्गत 1868 एकड़ लक्ष्य के विरुद्ध 467 हेक्टयर यानी की 25 प्रतिशत भूमि में, रफीगंज प्रखंड में 2166.800 हेक्टर भूमि में लक्ष्य के विरुद्ध 148 हेक्टेयर यानी की 6.83 प्रतिशत, मदनपुर में 701 हेक्टेयर लक्ष्य के विरोध 112 हेक्टेयर यानी की 15.98 प्रतिशत, कुटुंबा प्रखंड में 1966.460 हेक्टर भूमि में लक्ष्य के विरुद्ध 428 हेक्टेयर यानी की 21.76 प्रतिशत तथा नवीनगर प्रखंड अंतर्गत 2993. 300 हेक्टेयर भूमि में लक्ष्य के विरुद्ध 780 हेक्टेयर यानी की 26.06 प्रतिशत भूमि में अब तक बीचडा गिराया गया है क्या कहते हैं अधिकारी डीएओ रामईश्वर प्रसाद ने बताया कि इस बार जिले के विभिन्न प्रखंडों में एक लाख 75 हजार 493.24 हेक्टेर भूमि में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके अनुपात में 10 प्रतिशत भूमि में बिचड़ा गिराया जाना है. बारिश नहीं होने और धरती में नमी के अभाव में अभी लक्ष्य के अनुरूप नर्सरी तैयार नहीं किया गया है. बिचड़ा गिराने में किसानों को अब देर करने की जरूरत नहीं है.
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