Bihar Land Survey: औरंगाबाद समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को DM श्रीकांत शास्त्री ने आंतरिक संसाधन और राजस्व संबंधित कार्यों की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में राजस्व वसूली की प्रगति पर चर्चा की गई, जिसमें यह पाया गया कि जिले में वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले वसूली केवल 50.98 प्रतिशत ही हो पाई है. जिलाधिकारी ने इस कमी को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों को राजस्व वसूली की प्रक्रिया को तेज़ी से बढ़ाने के लिए सख्त निर्देश दिए.
लंबित राजस्व मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने का आदेश
बैठक में जिलाधिकारी ने विशेष रूप से 75 दिन से अधिक समय से लंबित 1,506 राजस्व मामलों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने अधिकारियों को इन मामलों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दिए. सबसे अधिक लंबित मामले औरंगाबाद सदर अंचल में पाए गए, जहां 1,187 मामले अब तक निपटाए नहीं जा सके. हसपुरा और कुटुंबा अंचल में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं देखी गई, जिससे जिलाधिकारी ने इन अंचलों के अधिकारियों को फटकार भी लगाई.
अतिक्रमण और आधार सीडिंग पर विशेष ध्यान
अतिक्रमण के मामलों में जिले में कुल 397 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 294 मामलों का निष्पादन किया गया. हालांकि, अतिक्रमण के मामलों की स्थिति में दाउदनगर अंचल में सबसे अधिक (47 मामले) और कुटुंबा अंचल में सबसे कम प्रगति देखी गई. इसी के साथ, जिले में 75 प्रतिशत रैयतों का आधार सीडिंग कार्य पूरा किया जा चुका है, और जिलाधिकारी ने अधिकारियों को शेष मामलों को शीघ्र निपटाने का निर्देश दिया.
भूमि विवादों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित
जिलाधिकारी ने भूमि विवादों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई और सभी अंचल अधिकारियों को आदेश दिया कि वे हर शनिवार भूमि विवाद संबंधित बैठक आयोजित करें. उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि भूमि विवादों का शीघ्र समाधान किया जाए और प्रभावित व्यक्तियों को न्याय मिले.
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बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में अपर समाहर्ता ललित भूषण रंजन, बंदोबस्त पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, प्रभारी राजस्व शाखा सच्चिदानंद सुमन, सदर भूमि सुधार उपसमाहर्ता श्वेतांक लाल, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती श्वेता प्रियदर्शी सहित सभी अंचल अधिकारी और अन्य राजस्व अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. सभी अधिकारियों ने अपनी विभागीय प्रगति को साझा किया और आगामी योजनाओं पर चर्चा की.