Bihar News: औरंगाबाद में वेतन समेत छह सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस कर्मी, एंबुलेंस सेवा ठप
Bihar News: औरंगाबाद में वेतन समेत छह सूत्री मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए है. जिसके कारण एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप है.
Bihar News: औरंगाबाद में मंगलवार को सत्येंद्र नारायण बिगहा पार्क के समीप जिले के तमाम एंबुलेंसकर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने से जिले में एंबुलेंस सेवा ठप हो गया. दरअसल यह हड़ताल बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ (इंटक) के आह्वान पर छह सूत्री मांगों को लेकर 102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ में हड़ताल किया. इस हड़ताल की अध्यक्षता गोपाल सिंह व संचालन अरुण कुमार ने की. इस दौरान सभी एंबुलेंस कर्मियों ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं एंबुलेंस के लिए आई नई कंपनी जैन प्लस प्राइवेट लिमिटेड के भी एंबुलेंस कर्मियों ने विरोध किया. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों को एंबुलेंस की सेवा बहाल नहीं की गई.
नहीं मिला मरीजों को हायर सेंटर के लिए एंबुलेंस
हड़ताल पर गए सभी कर्मियों को 60 वर्ष तक के लिए नौकरी की उम्र सीमा निर्धारित की जाए. जितने भी कर्मचारी घर पर बैठे हैं उन सभी लोगों को पुनः ड्यूटी पर बुलाया जाए और सभी को रेगुलर के रूप में कार्य लेना सुनिश्चित किया जाए. सभी एंबुलेंस कर्मी चालक तथा टेक्नीशियन का नियुक्ति पत्र आईडी कार्ड जारी किया जाए. इसके साथ ही सभी कर्मियों के वेतन का भुगतान निर्धारित समय के अनुसार दिया जाना चाहिए. एंबुलेंस खराब हो जाने के क्रम में नई कंपनी जैन प्लस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उसकी मरम्मत नहीं कराई जाती है. एंबुलेंस कर्मियों की हाजिरी भी काट लिया जाता है. इस पर विभाग को मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिए. अक्तूबर माह का बकाया वेतन जो की पीडीपीएल द्वारा अभी तक नहीं मिला है, उसे स्वास्थ्य विभाग को कंपनी से बात कर सभी एंबुलेंस कर्मियों का वेतन जल्द ही दिलवाया जाए.
हायर सेंटर जाने के लिए एंबुलेंस के लिए परेशान रहे परिजन
मंगलवार को जिले के तमाम एंबुलेंस कर्मियों को हड़ताल पर जाने से मरीज हलकान दिखें. पूरा दिन एक भी मरीज को एंबुलेंस नहीं मिला. सभी एंबुलेंस को परिसर में खड़ा कर दिया गया. यहां तक कि जिन मरीजों का इलाज सीएचसी में कराया जा रहा था और उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया. वैसे मरीज एंबुलेंस न मिलने के कारण निजी वाहन या निजी एम्बुलेंस लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. बारुण प्रखंड के कुड़वा गांव में मारपीट में जख्मी धीरेंद्र के परिजनों ने बताया कि जब एंबुलेंस खोजबीन की तो पता चला कि सभी लोग हड़ताल पर हैं. इसके कारण 1200 रुपये में ऑटो रिजर्व कर सदर अस्पताल लाया. वहीं ओबरा के एक प्वाइजनिंग मरीज को रेफर होने के बाद एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. यूं कहें तो पूरा दिन मरीज एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकते रहें.
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निजी एंबुलेंसों का रहा भरमार
एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद निजी एंबुलेंसों का भरमार रहा. जैसे ही कोई मरीज सदर अस्पताल में पहुंचा वैसे ही निजी एंबुलेंस वाले हायर सेंटर जाने के लिए बात कर लेते थे. बड़ी बात यह है कि इसपर कार्रवाई करने वाला भी नहीं है. दिन भर निजी एंबुलेंस वाले अस्पताल परिसर में घूमते रहते है एयर मरीजों से सेटिंग करते है.
हड़ताल में इनकी रही उपस्थित
छह सूत्री मांगों को लेकर अनूप कुमार सिंह, अरुण प्रसाद, सुमित कुमार, सुनील कुमार, दिनेश कुमार, प्रमोद कुमार, सुबोध कुमार, रंजीत कुमार, देव कुमार ठाकुर, जितेंद्र कुमार, रंजीत कुमार, श्याम दुलारे सिंह, गुड्डू कुमार, शशिकांत ठाकुर, जितेंद्र यादव, अखिलेश यादव, संजय कुमार सिंह, जगदम कुमार, कृष्ण कुमार सिंह, सोहन कुमार रवि, मिथिलेश कुमार, अनुज प्रसाद, संतोष कुमार, चंदन कुमार, श्लोक कुमार, धनंजय कुमार, विनय कुमार, लक्ष्मण कुमार समेत अन्य एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर रहे. -औरंगाबाद से मनीष राज सिंघम की रिपोर्ट