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Bihar News: औरंगाबाद में अवैध अस्पताल सील, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई मची खलबली

Bihar News: बिहार के औरंगाबाद में सरकारी नियमों को ताक पर रखकर और अवैध रूप से नर्सिंग होम,लैब,एक्सरे,अल्ट्रासाउंड आदि केंद्रों का संचालन करने वाले लोगों के विरूद्ध प्रशासनिक टीम ने कार्रवाई की. बारुण थाना क्षेत्र में अवैध कारोबारियों के खिलाफ छापेमारी की गयी.

By Anshuman Parashar | August 30, 2024 6:04 PM

Bihar News: बिहार के औरंगाबाद में सरकारी नियमों को ताक पर रखकर और अवैध रूप से नर्सिंग होम,लैब,एक्सरे,अल्ट्रासाउंड आदि केंद्रों का संचालन करने वाले लोगों के विरूद्ध प्रशासनिक टीम ने कार्रवाई की. बारुण थाना क्षेत्र में अवैध कारोबारियों के खिलाफ छापेमारी की गयी. इस क्रम में अवैध रूप से चल रहे एक निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया गया.मामला बारुण थाना क्षेत्र के सिरिस से जुड़ा है.

जिलाधिकारी द्वारा टीम गठित की गयी है

जिलाधिकारी द्वारा अवैध तरीके से संचालित हो रहे क्लिनिक,लैब व अन्य स्वास्थ्य से संबंधित केंद्रों की जांच को लेकर पूरे जिले में प्रखंडवार टीम गठित की गयी है. बारुण की टीम में प्रखंड विकास पदाधिकारी पन्नालाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ वारेन्दू शेखर व थानाध्यक्ष कुमार सौरभ को शामिल किया गया हैं. उक्त टीम द्वारा बारुण प्रखंड क्षेत्र के भोपतपुर पंचायत के सिरिस में अवैध तरीके से संचालित हो रहे गुप्ता हॉस्पिटल की जांच की गयी. इसके बाद गड़बड़ी पाये जाते ही उसे सील कर दिया.

बीडीओ ने बताया

बीडीओ ने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पूरे प्रखंड में अभियान चलाया गया है.इस दौरान ही उक्त हॉस्पिटल में औचक छापेमारी की गयी. गुप्ता हॉस्पिटल के संचालक द्वारा कोई भी वैध कागजात नहीं दिखाया गया.साथ ही उक्त हॉस्पिटल में ही संचालित लैब का भी कोई कागजात नहीं पाया गया. हॉस्पिटल खोलने से संबंधित पूछताछ पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया गया.अंतत: उक्त हॉस्पिटल को सील करते हुए इसकी जानकारी संबंधित वरीय अधिकारी को दी गयी है.

14 वर्षीय बच्ची की मौत झोलाछाप डॉक्टर की वजह

कुछ दिन पूर्व ही बारुण थाना क्षेत्र के सोनाही में एक 14 वर्षीय बच्ची की मौत झोलाछाप डॉक्टर की वजह से हो गयी थी. वैसे भी बारुण प्रखंड में अवैध क्लिनिक व जांच घर कुकुरमुत्ते की तरह फैले हुए है. भोले-भाले मरीजों का लगातार शोषण किया जा रहा है. कई दफे ऐसे क्लिनिकों में मौत भी हुई है. मारपीट की घटना तो आम बात सी बन गयी है.

छापेमारी की भनक मिलते ही आरोपी फरार

जब छापेमारी होने की भनक मिलती है तो अवैध कारोबारी अपना सबकुछ समेट कर फरार हो जाते है. जब मामला थम जाता है तो फिर उनकी दुकानें खुल जाती है.इधर प्रशासनिक कार्रवाई के बाद अवैध धंधा करने वाले लोगों में हड़कंप की स्थिति बन गयी. जैसे ही उन्हें कार्रवाई की जानकारी मिली, वैसे ही कुछ घंटों केलिए अपनी दुकानें बंद कर दी.

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