Bihar Land Survey: बिहार भूमि सर्वेक्षण की व्यवस्था में धांधली, दिन भर जिला मुख्यालय में खतियान खोज रहे रैयत

Bihar Land Survey: रैयतों की सबसे अधिक परेशानी खतियान प्राप्त करने में हो रही है. लोगों का कहना है कि वंशावली बनाने की प्रक्रिया सरल है. लेकिन, खतियान प्राप्त करना मुश्किल हो गया है.

By Radheshyam Kushwaha | September 15, 2024 8:37 PM

Bihar Land Survey: औरंगाबाद के हसपुरा प्रखंड मुख्यालय सहित गांवों में विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. सर्वे के कार्य में लगे अधिकारी भूमि रैयतों को फॉर्म भरने की जानकारी दे रहे हैं. इसे लेकर प्रखंड कार्यालय स्थित अभिलेखागार सह डेटा बेस में सर्वे कार्य को लेकर भीड़ लगी हुई है. कागजात तैयार करने व फॉर्म भर कर जमा करने में खतियान व प्लांट जरूरी है. ऐसे में पूरी तरह फॉर्म भरने में रैयतों की परेशानी बढ़ी हुई है. बताया जाता है कि खतियान प्राप्त करने के लिए जिला मुख्यालय जना पड़ रहा है. देखा जाये, तो रैयतों की सबसे अधिक परेशानी खतियान प्राप्त करने में हो रही है. मनपुरा गांव के रवींद्र सिंह, नवल सिंह, हबसपुर के अनुज सिंह बताते हैं कि खतियान समेत अन्य कागजात निकालना मुश्किल भरा काम है. वंशावली बनाने की प्रक्रिया सरल है. लेकिन, खतियान प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. खतियान निकालने की प्रक्रिया की सरकार सुगम व्यवस्था करें.

कार्यक्रम में भूमि सर्वे पर किसानों ने अपनी-अपनी राय रखी

औरंगाबाद सदर में रविवार को कुंडा हाउस के प्रांगण में किसानों के बीच एक सेमिनार का आयोजन किया गया. अध्यक्षता बिजौली गांव के वरिष्ठ किसान आलोक कुमार सिंह और संचालन समाजसेवी व भाजपा नेता अनिल कुमार सिंह ने किया. कार्यक्रम में भूमि सर्वे पर किसानों ने अपनी-अपनी राय रखी. वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण एक अच्छा कदम है, लेकिन व्यवस्था में धांधली है. भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया बरसात के बाद शुरू होनी चाहिए थी. अजब बिगहा के वरिष्ठ नेता और किसान राम केवल सिंह ने कहा कि किसान भूमि सर्वेक्षण के लिए तैयार है, लेकिन फॉर्म भरने से लेकर भूमि मापी तक की व्यवस्था के लिए समय की बाध्यता उचित नहीं है.

जागा किसान परिचर्चा का आयोजन

जोकहरी गांव के किसान व ताईद रामकरण सिंह ने कहा कि अंग्रेजों की ओर से 1911 से 1914 के कार्यकाल में बनाये गये नक्शों को राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए. वरिष्ठ नेता रामजी सिंह ने कहा कि अभी भूमि सर्वेक्षण का उचित समय नहीं है, भूमि सर्वेक्षण में किश्तवारी, कब्जाधारी आदि कई प्रक्रियाएं शामिल हैं. भूमि माप अधिकारी के पास उचित प्रशिक्षण नहीं है. 1969 से 1992 तक का अंतिम सर्वे बहुत ही कटु अनुभव वाला है. अधिवक्ता व किसान अशोक सिंह उर्फ टुनटुन सिंह ने कहा कि सिस्टम कर्मियों के साथ मिलकर काम करता है और भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है.

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भूमि सर्वेक्षण तत्काल संभव नहीं

भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण तत्काल संभव नहीं है. ककेर पैक्स के पूर्व अध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने कहा कि रजिस्टर एक और रजिस्टर-दो को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. हलका कर्मचारी अमीन या नये शेड्यूल के लिए नये परिसीमन की आवश्यकता है. धमनी के किसान उपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि सर्वे कठिन है, लेकिन उसकी जरूरत है. सेवानिवृत्त राजस्व कर्मियों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावे अन्य किसानों ने भी अपनी-अपनी बात रखी. मौके पर सुनील शर्मा, भाजपा नेता दीपक कुमार सिंह, रंजीत कुमार, तीर्थ नारायण वैश्य, महेंद्र सिंह, गुंजन कुमार सिंह, रामेश्वर राम, शत्रुघ्न सिंह, मुन्ना सिंह, दीपक सिंह, प्रमोद सिंह, आनंद कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे.

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