सदर अस्पताल में खुलेगा ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट
स्थल चिह्नित करने का प्रयास शुरू, उपाधीक्षक ने लिया स्थल का जायजा
औरंगाबाद ग्रामीण. सदर अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट खोलें जाने की हरी झंडी राज्य स्वास्थ्य समिति से मिलने पर ब्लड बैंक से जुड़े नोडल पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, लैब टेक्नीशियन एवं कर्मियों में खासा उत्साह है. सभी लोग उस तिथि का इंतजार कर रहे हैं कि कब यह यूनिट अपने वजूद में आएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति से हरी झंडी मिलने के बाद सदर अस्पताल में इसके लिए स्थल चिन्हित करने का प्रयास शुरू हो गया है. शीघ्र ही चिन्हित कर राज्य स्वास्थ्य समिति को रिपोर्ट भेज दिया जायेगा. अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने गुरुवार को सदर अस्पताल कैंपस के कई स्थलों को देखा और इन सभी में से 500 स्क्वायर फीट निकालने का निर्देश दिया है.इस संबंध में ब्लड बैंक के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर रवि रंजन एवं ब्लड बैंक के चिकित्सा पदाधिकारी सचिन किशोर ने बताया कि बताया कि सेपरेशन यूनिट में ब्लड को मथा जाता है जिससे ब्लड में मौजूद आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपिटेट अलग -अलग हो जाते है और उसका उपयोग मरीजों के जीवन बचाने के लिए किया जा सकेगा. बताया कि सेपरेशन यूनिट के नही होने से हम होल ब्लड किसी भी मरीज को दे देते है,जबकि उसे किसी एक ही कंपोनेंट की जरूरत है. ऐसी स्थिति में अतिरिक्त कंपोनेंट भी मरीज को ब्लड के साथ साथ उसके बॉडी में चला जा रहा है,लेकिन सेपरेशन यूनिट के लग जाने से एक यूनिट ब्लड से चार मरीज को फायदा पहुंचाया जा सकता है. चिकितसकों ने बताया कि आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपिटेट के लिए यहां के मरीज को बड़े शहरों के अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन इस भी यूनिट के खुलने के बाद अब यहां के रक्त अधिकोष में ब्लड के सारे कंपोनेंट संग्रहित रहेंगे. गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने बिहार के सात जिलों में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट खोले जाने का निर्णय लिया है. औरंगाबाद के अलावे सीवान, बक्सर, किशनगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी और गोपालगंज इसमें शामिल हैं. इधर सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
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