ये कैसा शौक! मछली बाजार खुलते ही टूटा सब्र, खरीदने की होड़ में गंवा बैठे होश, सोशल डिस्टेंसिंग का जरा भी ख्याल नहीं

औरंगाबाद शहर : मछली खाने वाले लोगों का सब्र आखिरकार टूट ही गया. मुर्गा-मांस में संक्रमण का खतरा नहीं होने की बात सुनकर शौकीन लोगों से नहीं रहा गया और जैसे ही मछली बाजार खुला कि खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. सबसे पहले अपने पसंद की मछली की खरीदारी करने की होड़ में होश ही […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2020 5:54 AM

औरंगाबाद शहर : मछली खाने वाले लोगों का सब्र आखिरकार टूट ही गया. मुर्गा-मांस में संक्रमण का खतरा नहीं होने की बात सुनकर शौकीन लोगों से नहीं रहा गया और जैसे ही मछली बाजार खुला कि खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. सबसे पहले अपने पसंद की मछली की खरीदारी करने की होड़ में होश ही गंवा बैठे. न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की चिंता दिखी और न ही कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का भय सताया. गांधी मैदान समीप मछली बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग का दावा पूरी तरह हवा-हवाई दिखा. यह देख वहां मौजूद कुछ लोगों के मुंह से बरबस ही निकल गया- कहीं ये लापरवाही भारी न पड़ जाये. मछली, मुर्गा में संक्रमण का खतरा तो नहीं है. लेकिन, जिस तरह से यहां लोग एक-दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं और मछली खरीदने की जल्दबाजी में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रख रहे हैं, यही बेपरवाही संक्रमण का कारण बन सकती है.

मछली-मुर्गा खाने का शौक तो ठीक है, लेकिन कम से कम सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान तो रखना ही होगा. यह हमारी ही जिम्मेदारी है. लॉकडाउन के साथ ही नॉनवेज से बनानी पड़ी दूरीकोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया. इसी के साथ गैर जरूरी सेवाओं वाली दुकानों को बंद कर दिया गया. सिर्फ अनिवार्य सेवाओं वाली दुकानें ही खुली रखने की अनुमति थी. इसमें सब्जी, फल, दूध, किराना सामान आदि की दुकानें शामिल है. बाकी की दुकानें बंद रखने का निर्देश था. इस कारण लोगों को नॉनवेज से दूरी बनानी पड़ी थी. इसी बीच सरकार द्वारा यह घोषणा की गयी कि मछली व मुर्गा की दुकानें भी खुलेंगी और इसे खाने से संक्रमण का खतरा नहीं है.

इस घोषणा के बाद पिछले दो दिनों से अदरी नदी पुल समीप स्थित मछली बाजार खुलने लगा. कुछ दिनों के इंतजार के बाद जब यहां बाजार खुला तो सुबह व शाम मछली खरीदने वाले लोगों की भीड़ उमड़ रही है. ऐसा शौक क्यों, जोखिम उठाकर खरीद रहे महंगी मछलीमुर्गा-मछली खाने का आखिर यह कैसा शौक है, जो कोरोना के संक्रमण का जोखिम उठाकर भी मछली खरीदने से बाज नहीं आ रहे. वह भी काफी महंगी. 120 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मछली अभी 180 से 200 रुपये किलो बिक रही है. रोहू मछली 200 की जगह 250 से 300 रुपये किलो बेची जा रही है. बंगुरी 100-120 की जगह 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक्री हो रही है. जबकि मटन 450 की जगह 600 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है. मुर्गा की दर कुछ सही है लेकिन फिलहाल लोग इसे खाने से परहेज करते दिख रहे हैं.

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