28 मार्च को नहाय-खाय के साथ चैती छठ मेले का होगा आगाज

छठ 28 मार्च से नहाय-खाय के साथ प्रारंभ होगा. होली समाप्त होने के बाद छठ के गीत अब आमलोगों के कानों में गूंजने लगे हैं. यूं कहे कि चार दिवसीय छठ की तैयारी भी शुरू हो गयी है.

By Shaurya Punj | March 13, 2020 11:48 PM
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औरंगाबाद/देव : छठ 28 मार्च से नहाय-खाय के साथ प्रारंभ होगा. होली समाप्त होने के बाद छठ के गीत अब आमलोगों के कानों में गूंजने लगे हैं. यूं कहे कि चार दिवसीय छठ की तैयारी भी शुरू हो गयी है. शुक्रवार को ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, एएसपी अभियान राजेश कुमार और एसडीपीओ अनूप कुमार ने स्थानीय पदाधिकारियों के साथ मेला की तैयरियों का जायजा लिया और कई निर्देश भी दिये.

जायजा लेने के बाद उन्होंने अधिकारियों व न्यास समिति के सदस्यों के साथ बैठक भी की. सूर्यकुंड तालाब का निरीक्षण करते हुए घाटों के रंगाई-पुताई के साथ बैरेकेडिंग करने का निर्देश दिया. बैठक में एसडीओ ने छठ मेले के दौरान की जानेवाली अन्य व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की. अधिकारियों ने कहा की व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखा जायेगा. देव बाजार से अतिक्रमण हटाने की वर्तमान स्थिति का भी एसडीओ ने जायजा लिया और स्पष्ट कहा कि जो अतिक्रमण नहीं हटाये है उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. अभी भी समय है कि वे अपना स्वयं अतिक्रमण हटा लें अन्यथा प्रशासन अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ खर्च का शुल्क भी वसूल करेगी. एसडीओ ने प्रशासनिक तैयारी का जायजा लिया.

सुरक्षा, पार्किंग, विद्युत आपूर्ति, दुग्ध आपूर्ति, सड़क मरम्मत, पेयजलापूर्ति, प्रकाश की व्यवस्था, सूर्यकुंड तालाब में पर्याप्त पानी की व्यवस्था, हाईमास्ट लाइट जलाने सहित अन्य विषय पर चर्चा करते हुए निर्देशित किया. इस दौरान नवीनगर इंस्पेक्टर श्याम किशोर सिंह, थानाध्यक्ष शेखर सौरभ, न्यास समिति के सचिव कृष्णा चौधरी के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. ज्ञात हो कि चार दिनों तक चलनेवाले चैती छठ मेले की शुरुआत 28 मार्च को नहाय-खाय के साथ होगी. 29 मार्च को खरना, 30 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य व 31 मार्च को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. यह भी ज्ञात हो कि सूर्य नगरी देव में लाखों छठव्रति भगवान सूर्य को अर्घदान करने पहुंचते है. कार्तिक छठ मेला के दौरान 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अर्घदान किया था. हालांकि मेला के दौरान भगदड़ मची थी,जिसमें कई लोगों की जान भी गयी थी. ऐसे में जिला प्रशासन चैती छठ मेले में व्यवस्था सुदृढ़ करने की कोशिश में लगी है.

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