क्लिनिक संचालक ने गार्ड को बनाया डॉक्टर

विरोध करने पर गार्ड के साथ मारपीट, प्राथमिकी दर्ज, क्लिनिक संचालक बना आरोपित

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 10:12 PM

रफीगंज. रफीगंज शहर में संचालित एक निजी क्लिनिक के संचालक ने अपने ही गार्ड को डॉक्टर बनाये जाने का मामला प्रकाश में आया है. जो व्यक्ति उक्त क्लिनिक में गार्ड का काम कर रहा था उसके सरनेम में डॉ लगाकर क्लिनिक पर बोर्ड टांगा गया. यहां तक कि उसका मोबाइल नंबर भी बोर्ड में अंकित किया गया. जब गार्ड द्वारा इसका विरोध किया गया, तो उसके साथ मारपीट की गयी. अंतत: मामला थाना तक पहुंचा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप स्थित शांति सेवा सदन के गार्ड व दाउदनगर के बेलहारी गांव निवासी अरविंद कुमार ने क्लिनिक संचालक रफीगंज थाना क्षेत्र के दशरथ बिगहा गांव निवासी शांति कुमारी व उनके पति राजेश यादव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में कहा है कि उसे क्लिनिक में गार्ड के तौर पर 15 हजार रुपये मासिक वेतन पर रखा गया था. क्लिनिक के बोर्ड पर उसका नाम डॉक्टर अरविंद कुमार, बीएएमएस, पटना, फिजिशियन एवं उसका मोबाइल नंबर लिख दिया गया. जब पूछा कि बोर्ड पर उसका नाम क्यों लिखा है, तो बताया गया कि केवल तुम्हीं अरविंद कुमार हो. उसके बाद विजिटिंग कार्ड छपवाया गया जिसपर भी उसका ही मोबाईल नंबर लिख दिया गया. पुनः पूछने पर उसके साथ मारपीट की गयी. वह किसी तरह वहां से भाग निकला. अरविंद ने डाक के माध्यम से रफीगंज थाने में आवेदन दिया. इस मामले पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर तत्काल करवाई करते हुए क्लिनिक के बोर्ड को जब्त कर लिया है. इस संबंध में प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष चंदन कुमार ठाकुर ने बताया कि अरविंद कुमार ने आवेदन दिया है, जिसमें कहा है कि गार्ड के नाम पर उसे क्लिनिक में रखा गया, जबकि बोर्ड पर डॉ अरविंद कुमार अंकित किया गया है. उसके पास कोई डॉक्टर का सर्टिफिकेट नहीं है और न वह डॉक्टर है. आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. इधर, आरोपित डॉक्टर से पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका. ज्ञात हो कि औरंगाबाद जिले में इस तरह का मामला अक्सर सुर्खियों में रहता है. फर्जीवाड़ा करने वाले लोग इस तरह की हरकत करने से बाज नहीं आते है. अवैध रूप से जो क्लिनिक चलाये जाते है, उस पर डॉक्टरों का नाम गलत अंकित किया जाता है.

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