औरंगाबाद / सीवान : चैत्र मास में होनेवाले लोक आस्था के महापर्व छठ और रामनवमी पर कोरोना वायरस का ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. औरंगाबाद में जिलाधिकारी ने कोरोना वायरस को लेकर सामूहिक रूप से पोखर, तालाब, नहर, नाला, नदी और कुंड में सामूहिक तौर पर स्नान करने पर 31 मार्च तक रोक लगा दी है. वहीं, सीवान में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए श्रीराम जन्मोत्सव समिति ने रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम की शोभायात्रा नहीं निकालने का निर्णय किया है.
28 मार्च से शुरू होनेवाले चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व चैती छठ पर कोरोना वायरस कहर दिखाई देगा. छठ महापर्व में इस बार सामूहिक रूप से पोखर, तालाब, नहर, नाला, नदी, कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे. इस पर जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने सामूहिक स्नान पर रोक लगा दी है. इस संबंधमें आदेश जारी किये जाने के बाद प्रभात खबर से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह आदेश देव चैती छठ मेले पर भी लागू रहेगी. ऐसे में हर साल लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से छठ व्रत के लिए श्रद्धालु देव में आते हैं. साथ ही विश्व विख्यात सूर्य मंदिर में दर्शन पूजन करने के अलावा सूर्यकुंड में स्नान भी करते हैं. अब इस पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
बिहार सरकार ने नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को महामारी घोषित किया है. इस संबंध में सूबे के सभी जिलाधिकारी को एपिडेमिक डिजीज एक्ट के प्रावधानों के तहत जरूरी कार्रवाई हेतु प्राधिकृत एवं निदेशित किया गया है. साथ ही बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी विशिष्ट प्रतिबंध लगाये हैं. कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्तियों के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. एक स्थान पर अधिक संख्या में एकत्रित होने से एक-दूसरे के स्पर्श या स्पर्श की गयी वस्तु के स्पर्श से फैलने के मद्देनजर तालाब, पोखर, नदी, कुण्ड में संक्रमित व्यक्ति के साथ स्नान करने या यात्रा करने से हो सकता है. ऐसे में यदि संक्रमित व्यक्ति किसी ऐसे स्थल पर स्नान करता है, तो संक्रमण के फैलने की आशंका है. इसीलिए नागरिकों में संक्रमण की खतरनाक स्थिति को रोकने के लिए सार्वजनिक जलाशयों जैसे नदी, तालाब, पोखर, कुंड, तरणताल में सामूहिक स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह प्रतिबंध 31 मार्च, 2020 तक लगाया गया है. प्रतिबंध के उल्लंघन पर प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए श्रीराम रामजन्मोत्सव समिति ने इस साल रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम की शोभायात्रा नहीं निकालने का निर्णय किया है. श्रीराम जन्मोत्सव समिति के सचिव मुकेश कुमार ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर सूचित किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए समिति ने इस साल रामनवमी के अवसर पर शहर में भगवान श्रीराम की शोभायात्रा नहीं निकालेगी. साथ ही 25 मार्च से दो अप्रैल तक चलनेवाले पूजा के दौरान प्रवचन और फेरी कार्यक्रम भी नहीं होगा. उन्होंने जिला प्रशासन को केवल परंपरागत तरीके से भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना और हवन के लिए 22 मार्च से दो अप्रैल तक नि:शुल्क गांधी मैदान का आवंटन करने का अनुरोध किया है. मुकेश कुमार ने बताया कि गांधी मैंदान का आवंटन नहीं होने पर समिति परंपरागत ढंग से पूजा नहीं कराने पर विचार करेगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.