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Aurangabad News : एनएच पर हर पल दौड़ रही मौत, 56 माह में 1323 लोगों की हुई मौत

अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में लापरवाही बन रहा कारण

सुजीत कुमार सिंह, औरंगाबाद

औरंगाबाद से होकर गुजरी एनएच 19 व एनएच 139 पर हर पल मौत दौड़ रही है. थोड़ी सी भी सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी वाली कहावत हर दिन चरितार्थ हो रही है. यानी कि असावधानी और मौत के बीच चंद सेकेंड का फासला है. औरंगाबाद जिले में सड़क दुर्घटना की घटना पर रोकथाम के लिए जो भी प्रयास किये जा रहे है वह अब तक सफल नहीं हो सके है. एनएच हो या एसएच, दुर्घटनाओं के जोन में समा गये है. लिंक सड़कों पर भी मौत का तांडव मचा है. आंकड़े भयावह है. घायलों से अधिकतर मृतकों की संख्या है, जो डराने वाली है. वर्ष 2020 से लेकर 2024 के अगस्त तक के आंकड़ों पर गौर करे, तो जिले में 56 माह में 1575 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 1323 लोगों की जान चली गयी. आश्चर्य की बात तो यह है कि घायलों से कहीं अधिक संख्या मृतकों की है. 56 माह में 1248 लोग घायल हुए है. अधिकांश घटनाओं के पीछे असावधानी व लापरवाही कारण बनी है. खासकर दोपहिया वाहन के चालक अधिक हताहत हुए है. एनएच 139 से एनएच 19 पर अधिक घटनाएं हुई है. जिन जगहों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया था, उन जगहों पर कई घटनाएं हुई और कई लोगों की मौत भी हुई. एनएच 19 का बारुण से मदनपुर के मिठइया मोड़ तक का इलाका औरंगाबाद जिले में पड़ता है. इस हाइवे पर कई ब्लैक स्पॉट चिह्नित किये गये है. शहरी इलाके की माने तो जसोइया मोड़, महाराणा प्रताप चौक, कथरूआ, हसौली, कामा बिगहा, फारम, ओरा, भेड़िया, शिवगंज, दधपी, मदनपुर, मिठइया मोड़ आदि जगह है, जहां अधिक दुर्घटनाएं हुई है. इसी तरह एनएच 139 पर संडा से लेकर ठाकुर बिगहा तक कई ब्लैक स्पॉट चिह्नित है.

शहरी व अर्ध शहरी इलाके में चिह्नित ब्लैक स्पॉट

अपर पुलिस महा निदेशक यातायात को औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक द्वारा ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर रिपोर्ट समर्पित किया गया था. इसमें राष्ट्रीय मापदंड एवं राजकीय मापदंड के अनुरूप ब्लैक स्पॉट निर्धारित किया गया था. राष्ट्रीय मापदंड के अनुसार औरंगाबाद शहर के जसोइया मोड़, महाराणा प्रताप चौक को ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिह्नित किया गया था. मुफस्सिल थाना क्षेत्र में ओरा, श्री सीमेंट फैक्ट्री, चतरा मोड़ से भैरवपुर, बारुण थाना क्षेत्र में बारुण ब्लॉक मोड़, जोगिया, सिंदुरिया, गैमन पुल, दाउदनगर थाना क्षेत्र में तरारी, केरा, मदनपुर थाना क्षेत्र में मदनपुर बाजार, दर्जी बिगहा, खिरियावां, दधपी, रिसियप थाना क्षेत्र में बभंडीह, ओबरा थाना क्षेत्र में बेल मोड़, कारा मोड़ और कुटुंबा थाना क्षेत्र में एरका को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया था. राजकीय मापदंड के अनुसार भी अर्ध शहरी क्षेत्र में 20 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिह्नित किये गये थे.

यातायात नियमों की जानकारी जरूरी

एनएच 19 हो या एनएच 139 किसी भी सड़क पर यातायात से संबंधित नियमों का पालन नहीं किया जाता है. जिन जगहों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है उस जगह पर सावधानी से संबंधित साइनेज लगवाने की आवश्यकता थी. लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. कुछ जगहों पर खानापूर्ति की गयी. आम लोगों को भी यातायात की नियमों पर भी ध्यान देना चाहिए. खासकर बाइक चालकों को दुर्घटनाओं से बचने के लिए हेलमेट व जरूरी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन आज भी अधिकांश लोग बिना हेलमेट की यात्रा करते है.

हर दिन जांच व जुर्माना, फिर भी नहीं संभल रहे लोग

यातायात नियमों से आम लोगों को सजग करने के प्रति जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. विभिन्न थाना क्षेत्रों में वाहन जांच के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. हजारों लोग जुर्माना भी भर चुके है. इसके बाद भी यातायात नियमों का पालन नहीं करना कहीं न कहीं अनदेखी है. ट्रैफिक डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि वाहन चालकों को हेलमेट लगाने के साथ-साथ जरूरी नियमों के पालन करने से संबंधित ध्यान दिलाया जाता रहा है. आगे भी इस तरह का अभियान जारी रहेगा. लोग सतर्क रहेंगे तो सुरक्षित यात्रा होगी.

आठ माह में पुलिस ने वसूले 58 लाख 66 हजार जुर्माना

वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन कराने के लिए औरंगाबाद पुलिस द्वारा चलायी गयी जांच अभियान में प्रारंभ वर्ष के अगस्त तक 58 लाख 66 हजार रुपये जुर्माना वसूल किये गये. जनवरी में दो लाख 22 हजार, फरवरी में तीन लाख 62 हजार, मार्च में आठ लाख 95 हजार 500, अप्रैल में 12 लाख 34 हजार 500, मई 13 लाख 17 हजार 500, जून में नौ लाख 39 हजार, जुलाई में 15 लाख 59 हजार और अगस्त में 18 लाख 58 हजार 500 रुपये जुर्माना वसूल किये गये.

लापरवाही के बाद मौत, फिर सड़क जाम प्रदर्शन

औरंगाबाद जिले में हुई अधिकतर दुर्घटनाओं के बाद सड़क जाम करने की एक परंपरा सी बन गयी है. किसी व्यक्ति की मौत दुर्घटना में होती है, तो परिजन और उसके परिचित लोग एनएच को जाम कर आगजनी करते है. स्पॉट पर मुआवजे की मांग होती है. उग्र प्रदर्शन होता है. जब मुआवजे की घोषणा हो जाती है, तो लोग शांत पड़ जाते है. वैसे भी दुर्घटना में मौत पर चार लाख रुपये का सरकारी मुआवजा निर्धारित है.

सुरक्षित यातायात को लेकर किया जा रहा जागरूक

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. वाहन चालकों को सुरक्षित यात्रा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. परिवहन नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों से जुर्माना भी वसूल किये जा रहे है. अब स्थिति बदल रही है. जागरूकता ही बचाव है. इसका ध्यान हर किसी को रखा जाना चाहिए. सड़क सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता रहा है.

शैलेश कुमार दास, जिला परिवहन पदाधिकारी, औरंगाबादB

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