औरंगाबाद कार्यालय. पिछले दो दिनों से औरंगाबाद जिले में रूक-रूककर हो रही बारिश से शहर से लेकर गांव-गांव जलमग्न हो गया है. दो दिन पहले तक पानी नहीं होने की वजह से त्राहिमाम की स्थिति थी. खासकर सदर प्रखंड और मदनपुर व रफीगंज प्रखंड में सूखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. किसान सूखाड़ जिला घोषित करने की मांग करने लगे थे, लेकिन 14 घंटे तक हुई बारिश से सूखाड़ वाले इलाके में भी फसल होने की उम्मीद जग गयी है. जैसे-तैसे बिचड़ा बचाने वाले किसान धान रोपने के लिए खेत तैयार करने में जुट गये है. दूसरी तरफ तमाम नदियों में पानी आने से किसानों में खुशी का माहौल बन गया है. अदरी नदी उफान पर आ चुकी है. इधर, जिला मुख्यालय की स्थिति भयावह नजर आयी. ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से शहर के कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति बन गयी. मुख्य बाजार पथ तालाब में तब्दील हो गया. मुहल्लों की तंग गलियों में भी पानी घुस गया. महाराजगंज रोड में भी जगह-जगह जल जमा हो गया. ओवरब्रिज के नीचे व समीप में लगभग डेढ़ फीट पानी के बीच से लोगों को गुजरना पड़ा. शहरी इलाके में ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त होने के कारण आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नाला निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गये, लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था बेहतर नहीं की गयी. नगर पर्षद द्वारा कई जगहों पर नाला निर्माण के नाम पर खानापूर्ति की गयी,जिससे आसपास के लोगों को या यूं कहे बड़ी आबादी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. सबसे बदतर स्थिति करमा रोड की है. शनिवार की सुबह अंबिका पब्लिक स्कूल में नाले का पानी घुस गया. डेढ़ से दो फुट तक पानी का जमाव हो गया. उक्त स्कूल से पुलिस केंद्र तक नाले की पानी की वजह से जल जमाव बन गया. सड़क से गुजरने वाले लोग नगर पर्षद को कोसते हुए नजर आये. कई लोगों ने बताया कि शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर आम लोगों को छला जा रहा है. बारिश से पूर्व नाले की निकासी कराने के लिए नगर पर्षद का ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन कोई भी कारगर कदम नहीं उठाये गये. इधर, ब्लॉक मोड़, टिकरी मुहल्ला, महुआ शहीद, शाहपुर सहित कई मुहल्लों में जल भराव हो गया. आश्चर्य की बात तो यह है कि बारिश से पूर्व नगर पर्षद द्वारा नालों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाना समझ से परे है.
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