ट्रक पर तिरपाल बांधने के दौरान करेंट की चपेट में आने से चालक की मौत

The angry people blocked the road

By Prabhat Khabar News Desk | April 3, 2024 9:27 PM

औरंगाबाद.

ओबरा प्रखंड मुख्यालय स्थित बेल-पौथु रोड में स्टेट बैंक के समीप सीमेंट अनलोडिंग करने के बाद ट्रक पर चढ़कर रस्सा व तिरपाल बांधने के दौरान करेंट की चपेट में आने से 30 वर्षीय चालक की मौत हो गयी. घटना बुधवार की है. मृतक की पहचान ओबरा थाना क्षेत्र के सुर्खी बिगहा निवासी दिलकेश्वर दास के पुत्र गजेंद्र कुमार के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार, गजेंद्र ट्रक का चालक था. वह बेल रोड में एक दुकान पर सीमेंट लेकर पहुंचा था. सीमेंट अनलोड करने के बाद वह ट्रक पर चढ़कर रस्से को बांध रहा था. उसके ठीक ऊपर से गुजरी हाइ टेंशन तार को वह देख नहीं सका और किसी तरह तार की चपेट में आकर झुलस गया. घटनास्थल पर रहे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जैसे-तैसे उसे तार से अलग कर गंभीर अवस्था में उसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल भेज दिया, जहां उसकी मौत हो गयी. परिजनों से जरूरी पूछताछ के बाद पुलिस ने औरंगाबाद में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों के हवाले कर दिया. इधर जैसे ही परिजन शव लेकर पहुंचे,वैसे ही उक्त गांव के लोग आक्रोशित हो गये. सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गयी. घटना के विरोध में परिजनों ने बेल मोड़ स्थित स्टेंट बैंक के समीप शव को एनएच 139 पर रखकर जाम कर दिया. यही नहीं आक्रोशपूर्ण नारेबाजी के साथ आगजनी की. आक्रोशित परिजनों का कहा था कि विभाग अविलंब मुआवजा दें. यह घटना विभागीय लापरवाही का परिणाम है. वैसे सड़क जाम की सूचना दाउदनगर एसडीओ मनोज कुमार को दी गयी. एसडीओ ने संबंधित पदाधिकारी एवं बीडीओ को जानकारी दी. पुलिस पदाधिकारी धर्मेंद्र यादव, बीडीओ यूनिस सलीम, कनीय अभियंता मिहिर कुमार उपाध्याय वहां पहुंचे और परिजनों को शांत कराते हुए जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजन शांत हुए और दो घंटे की जाम से आम लोगों को मुक्ति मिली. बड़ी बात यह है कि सुबह 10 बजे से 12 बजे तक भीषण जाम का सामना लोगों को करना पड़ा. एनएच के दोनों लेन में करीब दो किलोमीटर तक महा जाम का नजारा दिखा. जाम से यात्री परेशान रहे. इधर, घटना से मर्माहत गांव वालों ने कहा कि मृतक का परिवार बेहद अभाव की जिंदगी जी रहा है. परिवार के लिए मृतक ही एकमात्र सहारा था. मां गीता देवी, पत्नी रिंकी देवी के साथ दो बच्चे आदित्य कुमार व छह माह के उत्तम कुमार की जिम्मेदारी उसी पर थी. घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

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