सरकारी योजनाओं का लाभ चाहिए तो कराना होगा पशु का ईयर टैगिंग

अब सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वहीं पशुपालकों को मिलेगा, जिनके पशु का ईयर टैगिंग हुआ रहेगा. इस आशय कि जानकारी जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार सिंहा ने दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2020 10:12 AM

औरंगाबाद/कुटुंबा : अब सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वहीं पशुपालकों को मिलेगा, जिनके पशु का ईयर टैगिंग हुआ रहेगा. इस आशय कि जानकारी जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार सिंहा ने दी है. उन्होंने बताया कि जो पशुपालन पशु टैगिंग योजना की अनदेखी कर रहें हैं, भविष्य में उन्हें काफी महंगा पड़ेगा.

पूरे भारत में टैगिंग कार्य जारी

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में टैगिंग कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि इसमें 18 पशु चिकित्सक व 292 वैसिनेटर सुरक्षा कीट के साथ सोशल डिस्टैंसिंग मेंटन करते हुए लगे हैं. जिले के विभिन्न प्रखंडो के पांच लाख 17 हजार पशुओं को ईयर टैगिंग करने का लक्ष्य निर्धारित है. अभी तक मात्र 40 हजार 604 पशुओं का ही टैगिंग हुआ है. उन्होंने बताया कि गाय भैंस व उसके छह माह उम्र के उपर के बच्चे के साथ साढ़ व भैसां का भी टैगिंग किया जाना है. इसके बाद फिर भेड़ बकरियों का भी किया जायेगा.

आधार कार्ड जैसी है पशु टैगिंग

डीएचएओ ने बताया कि मनुष्य की तरह ईयर टैगिंग पशुओं का आधार कार्ड है. जिसमें पशुओं का विवरण पोर्टल पर अपलोड होगा. उन्होंने बताया कि पशुओं को वज्रपात, बिजली व अगलगी आदि एक्सिडेंटल केश में मौत होने पर पशुपालकों को 30 हजार रुपये मुआवजा राशि के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी. इसके अलावे पोस्टमार्टम कराने में किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. इसके साथ हाट में वैसै पशुओं की खरीद बिक्री प्रतिबंधित रहेगी जिनके कान में टैग नहीं रहेगा. इससे पशु तस्करी पर भी लगाम लगेगा. यहां तक कि पशुओं की चोरी होने या खो जाने पर पशुपालकों को सहजता से पत्ता चल जायेगा.

उपचार में होगी सहूलियत

पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि पशुओं को किसी तरह की बीमारी से आक्रांत होने पर टीकाकरण व उपचार कराने में पशुपालकों को सहूलियत होगी. उन्होंने सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के हवाला देते हुए बताया कि आनेवाले दिनों में ईयर टैगिंग नहीं कराने वाले पशुपालकों को कल्याणकारी योजनाओं से अलग भी रखा जा सकता है. डीएचएओ ने दाउदनगर प्रखंड के तरार पंचायत में टीकाकर्मियों के साथ मारपीट की घटी घटना के प्रति खेद व्यक्त करते हुए कहा कि टैगिंग कार्य में बाधा पहुंचाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने सभी पशुपालकों को निर्धारित डेट 15 सितंबर से पहले ईयर टैगिंग करा लेने का सुझाव दिया है.

posted by ashish jha

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