झमाझम बारिश से किसानों के खिले चेहरे, धान की खेती शुरू

दाउदनगर प्रखंड में 12 हजार हेक्टेयर में होती है धान की खेती

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2024 10:08 PM

दाउदनगर. गुरुवार को भी मूसलाधार व झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिले रहे. गुरुवार को 4.8 एमएम बारिश हुई है. किसानों द्वारा कृषि कार्य को तेज कर दिया गया. विभागीय जानकारी के अनुसार, दाउदनगर प्रखंड में अब तक लगभग 96 प्रतिशत धान का बिचड़ा खेतों में डाला जा चुका है. लगभग 12 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है. 913. 550 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डालने का लक्ष्य है, जिसमें 877 हेक्टेयर में डाला जा चुका है. मानसून की बेरुखी के कारण और रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा नहीं डाला जा सका है. पिछात खेती की जा रही है. अब आर्द्रा नक्षत्र में बिचड़ा डाला जा रहा है, जो समाप्त हो रहा है. इ किसान भवन के सूत्रों से पता चला कि जिन लोगों ने डीजल पंपिंग सेट के सहारे बिचड़ा डाला था, उनका बिचड़ा मूसलाधार बारिश के कारण नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया है. उनके द्वारा फिर से बिचड़ा डाला जा रहा है. फिलहाल, मूसलाधार बारिश के कारण किसानों ने राहत के सांस ली है.उनके चेहरे खिल उठे हैं. इधर उमस भरी गर्मी में बिजली की आंख मिचौली से आम उपभोक्ता भी परेशान हैं. मंगलवार की रात करीब दो घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही थी. बुधवार को भी दिन भर बिजली आते-जाते रही. गुरुवार को भी यही स्थिति रही. विभागीय सूत्रों से पता चला कि बरसात में कभी 33 हजार लाइन ब्रेकडाउन हो जा रहा है, तो कभी टाउन फीडर वन व टू में टेक्निकल फॉल्ट उत्पन्न हो जा रहा है. इसके कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है. वहीं, लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को बरसात के पहले ऐसी तैयारी कर लेनी चाहिए थी कि कम से कम बारिश होने पर बिजली आपूर्ति बंद नहीं हो. कनीय अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि टेक्निकल फाल्ट के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है. अब एक-दो दिन तक यही स्थिति रहने की संभावना है. गुरुवार को ही बारिश के दौरान शहर के कई स्थानों पर जल जमाव का नजारा भी देखने को मिला. हालांकि, कुछ घंटे के बाद स्थिति सामान्य हो गयी, लेकिन सड़क कीचड़ युक्त बन गयी. चावल बाजार में सड़क पर जल जमाव का नजारा देखने को मिला. इसके बारे में पता चला कि स्थानीय दुकानदारों व गृहस्वामियों द्वारा घरों का कूड़ा-कचरा या तो नाली में भर दिया गया है या फिर दुकानों के सामने नालियों के बगल के हिस्से को सड़क से ऊंचा कर दिया गया है, जिसके कारण सड़क का पानी नाली में नहीं जा पा रहा है और सड़क पर जल जमाव हो जा रहा है. अब्दुलबारी पथ में भी जलजमाव देखने को मिला. पता चला कि जो नाला बनाया गया है वह सड़क से ऊंचा है. नप द्वारा सड़क निर्माण कराया जा रहा है, जिसके कारण पुराने सड़क को तुड़वाकर भरावट करायी जा रही है. नाला के नीचे सड़क हो गयी है. इसके कारण जलजमाव हुआ है. दाउदनगर-बारुण रोड पर पिराहीबाग के पास व पुराना शहर गुलाम सेठ चौक जाने वाले रास्ते में भी जल जमाव देखने को मिला. लेकिन, इसके बारे में बताया गया कि कदम तल से लेकर पिराहीबाग होते हुए पासवान चौक तक के नाला की उड़ाही युद्ध स्तर पर करायी जा रही है. जैसे ही उड़ाही समाप्त हो जायेगी. नाला जाम समाप्त हो जायेगा. इसके बाद जलजमाव की समस्या से निजात पाया जा सकता है. वैसे इस रोड की स्थिति यह है कि सड़क के दोनों तरफ नाला सड़क से ऊंचाई पर बने हुए हैं. इसके कारण भी जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है. सड़क का पानी सही तरीके से नाला के अंदर नहीं जा पा रहा है. इसका उपाय किए जाने की जरूरत है. हालांकि, बारिश के दौरान ही सफाई कर्मी जलनिकासी की व्यवस्था करते दिखे.

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