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उर्वरक विक्रेताओं की मनमानी से किसान परेशान

निर्धारित कीमत से अधिक रुपये देने पर बाजार में मिल रहा खाद

नवीनगर/कुटुंबा. अगस्त महीने में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है. वर्तमान में भी बारिश का दौर जारी है. इधर, उत्तर कोयल नहर भी अधिनस्थ क्षेत्रों में सिंचाई का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. ऐसे में नहर के उत्तरी और झारखंड के बॉर्डर एरिया में भी धान की रोपनी करीब-करीब हो गयी है. हालांकि, असिंचित क्षेत्र में अभी भी धान की रोपनी चल रही है. ऐसे में किसानों को उर्वरक की सख्त जरूरत है. जिन किसानों ने बहुत पहले धान की रोपनी की है, उन्हें धान की फसल पर यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करनी है. वहीं, जो किसान अभी फसल लगा रहे हैं उन्हें डीएपी की जरूरत है. इसके बावजूद उन्हें निर्धारित मूल्य पर खाद मिल नहीं रहा है. इससे सबसे अधिक परेशानी नवीनगर के किसानों को हो रही है. वहां के उर्वरक विक्रेताओं की मनमानी चरम पर है. वे जिले में खाद की कमी का हवाला देकर खेतिहरों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं. गौरतलब है कि कई खाद विक्रेता स्थानीय स्तर पर बिचौलिया रखे है. दुकानदार किसान से अपना गोदाम का स्टॉक नील दिखा देते है. वहीं बिचौलिए हरिहरगंज और जपला से अधिक कीमत पर यूरिया मंगाने के नाम पर उनसे कीमत से काफी अधिक पैसे वसूल रहे है. नवीनगर प्रखंड क्षेत्र में किसानों को निर्धारित दर पर यूरिया नहीं मिल रहा है.खेतिहर विभिन्न उर्वरक दुकानदारों को अधिक मूल्य देकर खाद खरीद रहे है. बिडंबना है कि पैक्स में धान बेचने के दौरान किसानों को समर्थन मूल्य से कम और खाद बीज कीटनाशी दवा खरीदने के दौरान निर्धारित दर से उन्हें अधिक चुक्ता करना पड़ता है. यह उनकी शौक नहीं बल्कि उनकी मजबूरी है. जानकारी के अनुसार नवीनगर प्रखंड के विभिन्न जगहों पर यूरिया 266 रुपये की जगह 330 रुपये से लेकर 350 रुपये प्रति बोरी बिक रहा है. वहीं, डीएपी 1350 रुपये की जगह 1450 से लेकर 1550 रुपये में बेचा जा रहा है. यहां तक कि अधिकतर दुकानों में मूल्य तालिका एवं स्टॉक तालिका भी नहीं लगा है. किसानों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर कालाबाजारी रोकने और निजात दिलाने की मांग की है. इस संबंध में बीएओ विनय कांत पाठक ने बताया कि किसानों को आधार कार्ड व पॉस मशीन से निर्धारित दर पर रकबा के अनुरूप उर्वरक बिक्री करने का निर्देश दिया गया है. अगर विक्रेता जीरो टॉलरेंस नीति का उल्लंघन करते हैं, तो उनपर विधि सम्मत कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा जायेगा. डीएओ राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में यूरिया की कोई कमी नही हैं. उर्वरक विक्रेताओं को सरकारी नियमों का अनुपालन करना होगा. अगर विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूल कर किसानों को खाद देते हैं, तो जीरो टॉलरेंस नीति का उल्लंघन माना जायेगा. उन्होंने बताया कि अधिक कीमत मांगने पर किसान तुरंत फोन से संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचना देने का प्रयास करें. कालाबाजारी मामले में त्वरित कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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