किशोरी सिन्हा कॉलेज में पीजी में पांच विषयों की होगी पढ़ाई : कुलपति
किशोरी सिन्हा कॉलेज में सेमिनार का कुलपति ने किया उद्घाटन
औरंगाबाद ग्रामीण. किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय में विकसित भारत 2047 के तहत सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका गौरैया का भी अनावरण किया गया. मुख्य अतिथि के तौर पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही शामिल हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया. महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ रेखा कुमारी ने कुलपति प्रो एसपी शाही सहित अन्य अतिथियों को किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय का मेमेंटो, पौधा व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. अध्यक्षता प्राचार्या डॉ रेखा कुमारी ने की व संचालन प्रो अमित राहुल ने किया. कुलपति प्रो एसपी शाही ने महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ रेखा कुमारी की प्रशंसा करते हुए उन्हें डायनेमिक प्रिंसिपल कहा. उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में पहली बार कोई कुलपति आया है. उन्होंने पूर्व के कुलपतियों के लिए क्षमायाचना भी की. एक समय था जब महिला कॉलेज में शिक्षक बहुत थे, लेकिन वे पटना से आते थे और बच्चों को बिना पढ़ाये चले जाते थे. डॉ रेखा ने महाविद्यालय के पठन-पाठन और संस्कार को बदला. कुछ महीनों बाद वे सेवानिवृत्त होनेवाली हैं. वैसे डॉ रेखा कुलपति के बैच की प्रिंसिपल हैं और अच्छी प्रशासक हैं. उन्होंने इस कॉलेज को अपने परिवार की तरह और बच्चे की तरह आगे बढ़ाने का काम किया है, जो काबिलेतारीफ है. यहां की कार्य, संस्कृति बिगड़ी थी उसे उन्होंने ठीक किया, इसीलिए वे प्रशंशा की पात्र है. सेमिनार के दौरान कुलपति ने पांच विषयों में पीजी की पढ़ाई की घोषणा की, जिसमे भूगोल, राजनीति शास्त्र, इतिहास, होम साइंस व साइक्लोजी शामिल है. कुलपति ने कहा कि अगर भाग्य ने साथ दिया, तो आनेवाले समय में डॉ रेखा कुमारी भी कुलपति बन सकती हैं. यह देश 2047 तक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा, लेकिन यह काम कोई अकेले नहीं कर सकता. अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए सभी को एकसाथ मिलकर काम करना होगा. शिक्षकों का दायित्व है कि बच्चों को शिक्षा दें. जबतक सभी के अंदर राष्ट्र के सेवा की भावना नैतिक नहीं होगी तब तक भारत विकसित राष्ट्र नहीं बनेगा. लड़कियां पढ़ाई करें और नयी-नयी चीजों पर रिसर्च करें. नया-नया सिस्टम डेवलप करें, तभी देश का आर्थिक विकास होगा. जब तक सभी लोग शिक्षित नही होंगे राष्ट्र का भला नहीं होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों में साइकिल, पोशाक व छात्रवृत्ति दिया और शिक्षा के लिए जागरूक किया जो अद्भुत है. उन्होंने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि नौकरियों के पीछे मत भागे. अपने इलाके में उद्योग धंधा देखिए उस पर सर्च कीजिए और उधोग लगाइये. टेक्निक लगाकर अपने प्रोडक्ट को अमेरिका में भेजोगे, तो डॉलर में पैसे आयेंगे. कोरोना से यूरोप, अमेरिका में लोग मरने लगे. इंडिया में मौत की संख्या कम थी. इसका कारण यहां युग का चमत्कार, नीति क्रिया का चमत्कार, अनलोम-विलोम का चमत्कार, एलोविरा, तुलसी, गोल मिर्चा, हल्दी का इस्तेमाल कर कोरोना को भगाया गया. आप अपनी इच्छा शक्ति को पहचानिये. पर्यावरण व सतत विकास पर कहा कि पेड़ मत काटिये. धर्मों में लिखा गया है पेड़ काटना पाप है. हमारे यहां पीपल व तुलसी में पानी दिया जाता है उससे ऑक्सीजन निकलता है. बच्चों, पुरुखों, भगवान के नाम से पेड़ लगाये और हरियाली बढ़ाएं. बिहार के अंदर मगध विश्वविद्यालय पहला विद्यालय होगा, जहां आर्टिफिशियल की पढ़ाई शुरू होगी. उसके लिए तैयारी चल रही है सफलता नजदीक है. महाविद्यालय में हमेशा कुछ अच्छा हो उसके लिए हमेशा प्रयासरत रहती हूं. हमेशा बच्चों के भविष्य के बारे में सोची. विज्ञान संकाय के डीन डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय पिछले लंबे समय से नीचे की ओर जा रहा था. पहले के कुलपति विश्विद्यालय के बारे में नहीं सोचते थे. यहां तक कि विश्वविद्यालय को नैक में सी ग्रेड तक मिल गया. इसके बाद भी कुलपति सचेत नहीं हुए. जितने भी कुलपति आये सिर्फ नौकरी के लिए आये. जब प्रो एसपी शाही आये तो एक मिशन लेकर आये. वैसे कुलपति भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे है. इनके अंदर परिवर्तन लाने के प्रयास है. पांच साल से लंबित परीक्षाएं एक साल के अंदर रास्ते पर आ गयी. सभी प्रोफेशनल कॉलेज का काम आसानी से किया जा रहा है. हर माह यूनिवर्सिटी में सेमिनार हो. एमयू में जो रिसर्च करना चाहता है उसके लिए यूनिवर्सिटी अलग से खर्च करेगी और उन्हें बेहतर सुविधा देगी. कार्यक्रम को श्रीभागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल बीएड कॉलेज के अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. मौके पर संचालक डॉ अमित राहुल, डॉ अरुणजय कुमार सिंह, डॉ गायत्री कुमारी, डॉ अभिजीत घोष, डॉ अमरेंद्र कुमार मौलाना, डॉ अखिलेश कुमार सिंह, डॉ नीलम रानी, डॉ नरेंद्र कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
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