साइबर क्राइम से खुद को सुरक्षित रखें छात्राएं
स्कूल व कॉलेज में महिला थानाध्यक्ष ने छात्राओं को नये कानून की दी जानकारी
स्कूल व कॉलेज में महिला थानाध्यक्ष ने छात्राओं को नये कानून की दी जानकारी औरंगाबाद ग्रामीण. शुक्रवार को शहर के किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय व अनुग्रह मध्य विद्यालय में महिला थानाध्यक्ष की ओर से छात्राओं को नये कानून से संबंधित जानकारी दी गयी. महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी ने सभी छात्राओं को नये कानून ने बारे में बताकर अवगत कराया. थानाध्यक्ष ने आपराधिक कानून के बारे में विस्तार से बताया. महिला हेल्प डेस्क का जो नंबर गूगल पर जारी किया है, उन सभी नंबरों को छात्रों के बीच साझा किया गया. विशेष जानकारी के लिए महिला थानाध्यक्ष ने खुद अपना नंबर दिया. छात्राओं व महिलाओं के साथ हो रहे क्राइम के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी. बताया कि वर्तमान समय में छात्राएं साइबर क्राइम का शिकार हो रही हैं. ऐसे क्राइम से थोड़ा सावधान रहना है और खुद को सुरक्षित रखना है. डायल 112 के बारे में बताया और कहा कि अगर कभी भी असुविधा महसूस हो, तो अविलंब डायल 112 को सूचना दें. सूचना के कुछ देर बाद ही 112 के पुलिसकर्मी आपके पास होंगे, जिससे आप अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे. महिला थानाध्यक्ष ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया. कहा कि दंड से न्याय की ओर अग्रसर होते हुए एक जुलाई से नये कानून लागू हुए हैं. देशभर में लागू नये कानून का सभी को पालन करना होगा. नया आपराधिक कानून औपनिवेशिक युग के पुराने कानूनों की जगह पर लाया गया है. उन्होंने बताया कि नये कानून में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा के प्रावधान किये गये हैं. नये कानून को लाने का उद्देश्य जांच और न्याय प्रणाली को पारदर्शी, सहज और सुलभ बनाना है. आमजन को नये कानून के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से स्कूल में इस तरह का कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ताकि, स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थी सहित आमजन नये कानून से परिचित हो सके. घटना की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए गौरतलब हो कि एक जुलाई 2024 से नये आपराधिक अधिनियम भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हुए है. तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह बदलना है. यह कानून दंड नहीं, बल्कि न्याय केंद्रित है. यदि छात्र या छात्राओं के आसपास अपराध घटित हो रहा है, तो उसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए. छात्र-छात्राएं चाहे, तो प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों में कमी लायी जा सकती है. यातायात नियमों का पालन करने एवं अन्यों को भी प्रेरित करने की बात कही. छात्राओं को बाल अपराध, बाल शोषण, नाबालिग बच्चियों के उत्पीड़न के अलावा अन्य आपराधिक मामलों की भी जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि सभी थाना में अब महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है. ताकि, महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके. इस दौरान महिला थाना के सिंकू, विभा, शोभा, प्राचार्य, शिक्षक व सैकड़ों छात्राएं मौजूद थीं.
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