औरंगाबाद. औरंगाबाद में भू-जल स्तर तेजी से खिसकता जा रहा है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही जिला मुख्यालय में कई बोरिंग से पानी निकलना बंद हो गया है, जिससे पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है. जिले के ग्रामीण इलाकों में भी स्थिति काफी खराब है. कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के कई गांव से पेयजल संकट की समस्या सामने आने लगी है. सबसे अधिक समस्या डुमरी, परता, संडा व उसके आसपास के पंचायत में है, जो जंगली एवं पहाड़ी एरिया से घिरे हैं. फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के चापाकल फेल हो जाने से लोग आसपास के दूसरे चापाकल से पानी लाने पर मजबूर हैं. शहरी इलाकों में समस्या विकराल होती जा रही है. औरंगाबाद शहर के कई घरों एवं खासकर सरकारी कार्यालय में लोग आरओ का 20 लीटर वाला बोतल खरीद कर प्यास बुझा रहे हैं. अभी तो गर्मी ने अपना रुख दिखाना शुरू ही किया है. ऐसा लगता है कि मई व जून महीने में जिला मुख्यालय के एक चौथाई लोग शहर छोड़ कर ग्रामीण क्षेत्रों में जाने को मजबूर होंगे. हालांकि, यह सिलसिला तो पिछले वर्ष भी देखा गया था. हालांकि, पिछले वर्ष तकरीबन शहर के पांच से 10 प्रतिशत लोग ही गांव की ओर अपना रुख किये थे. इसमें अधिकतर ऐसे लोग थे, जो बच्चों की पढ़ाई एवं अन्य कार्य के लिए किराए पर मकान लेकर जिला मुख्यालय में रहते हैं. 500 फुट तक नहीं मिला पानी जिला मुख्यालय औरंगाबाद के सघन आबादी वाले क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है. पिछले वर्ष की बात करें तो जिला मुख्यालय औरंगाबाद के प्रशासनिक एवं न्यायिक अधिकारी के कार्यालय तथा आवास में तकरीबन एक दर्जन से अधिक बोरिंग फेल हो गये थे. अधिकारियों के कार्यालय एवं आवास में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया था. इसके बाद डीएम की पहल पर भवन निर्माण विभाग द्वारा आनन-फानन में सभी जगह नये बोरिंग करा कर पानी की सप्लाई शुरू की गयी. हैरत की बात तो यह है कि वर्तमान में न्यायिक अधिकारियों की आवास के लिए जिले में निर्माणाधीन 10 पीओ आवास में दो जगह पर बोरिंग का कार्य किया गया. परंतु, अब तक पानी नहीं मिला है. प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन परिसर में एक जगह पर 450 फुट तक बोरिंग कराया गया. जब पानी नहीं मिला तो दूसरे जगह बोरिंग का कार्य शुरू किया गया. वहां भी 500 फुट तक बोरिंग की गयी, पर पानी नहीं मिल सका. अब तीसरी जगह बोरिंग का कार्य शुरू कराया गया है. पानी नहीं मिले से कार्य एजेंसी के साथ-साथ विभागीय अधिकारी भी हैरत में है. औरंगाबाद में छह करोड़ 56 लाख 94 हजार रुपये की लागत से 10 पीओ आवास का निर्माण कराया जा रहा है. उक्त पांच मंजिला आवास परिसर में 10 न्यायिक अधिकारियों के आवास की व्यवस्था होगी. परिसर आधुनिक व्यवस्था से परिपूर्ण होगा. निर्माण के दौरान पार्किंग की व्यवस्था भी की जा रही है. इसके साथ ही भवन में लिफ्ट भी लगाये जायेंगे. पिछले वर्ष जून में सात जगह पर कराया गया था नया बोरिंग पहले से कराये गये बोरिंग सूख जाने के बाद पिछले वर्ष समाहरणालय परिसर समेत कई कार्यालय एवं अधिकारियों के आवास में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया था. ऐसे में भवन निर्माण विभाग द्वारा पिछले वर्ष 2023 के जून महीने में निविदा प्रकाशित कर सात जगहों पर बोरिंग कराये गये थे. जिन कार्यालय एवं आवास में बोरिंग का कार्य कराया गया था, उनमें औरंगाबाद के जिला अतिथि गृह, दानी बिगहा स्थित सी टाइप आवास, ब्लॉक कॉलोनी स्थित बी टाइप आवास परिसर और जज कॉलोनी परिसर में एक-एक बोरिंग करा कर सबमर्सिबल मोटर लगाया गया था. इसके साथ ही समाहरणालय परिसर में दो बोरिंग कराकर पेयजल की आपूर्ति शुरू की गयी थी. इस वर्ष स्थिति और भी विकराल होती दिख रही है. पेयजल के भारी संकट से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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औरंगाबाद में तेजी से खिसक रहा भू-जलस्तर
औरंगाबाद में भू-जल स्तर तेजी से खिसकता जा रहा है.
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