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अक्षय तृतीय पर बाल विवाह हुआ, तो होगी सख्त कार्रवाई

अब सरकारी सख्ती के बाद लोगों में भय समा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 2, 2024 10:27 PM

औरंगाबाद कार्यालय. 10 मई यानी अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है. पूर्व में इस तिथि को बाल विवाह के तौर जाना था, लेकिन अब सरकारी सख्ती के बाद लोगों में भय समा गया. हालांकि, संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निगाह रखी जा रही है. संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए डीएम श्रीकांत शास्त्री द्वारा निदेश जारी किया गया है. इसके तहत जिले के दोनों अनुमंडलों केक पदाधिकारी को बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध के लिए सभी बीडीओ, थानाध्यक्ष, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बाल संरक्षण व बाल कल्याण से संबंधित पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी,जीविका के पदाधिकारी,मुखिया एवं पंचायत प्रतिनिधियों तथा शादी समारोह के संबंधित हितभागी यथा धर्मगुरु, टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा,बत्ती,शादी कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हॉल इत्यादि के मालिकों के साथ बैठक कर बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार सहित कार्रवाई का निदेश दिया गया. इस के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी करना कानूनन जुर्म है. ऐसी शादी बाल विवाह माना जाता है. इस तरह की शादी में शामिल वर-वधू पक्ष के अभिभावक, संबंधी सहित पंडित, मौलवी, धर्मगुरू, टेंट, केटरर, बैंड-बाजा-बत्ती, शादी कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हॉल, बरात एवं शादी में शामिल वैसे सभी व्यक्ति जिनकी सहभागिता किसी भी रूप में शादी में हुई हो तो कानून में उनके लिए दंड का प्रावधान है.इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है. कानून तोड़ने वाले सभी व्यक्ति दंड के भागी होंगे ऐसी जागरूकता लायी जा रही है.

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